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Wednesday, 13 September 2017

K3 00142 अपना नहीं बेगाना (Apna Nahin Begaana)

वो आए तो महफ़िल में रौनक आ गई।
नहीं तो यह जश्न, महफिल ए विराना था।
सोचा न था वो आएंगे, मगर वह आ गए।
उनका आना हमारे लिए नज़राना था।
हम भी न जाने कैसे महफिल में आ गए।
नहीं तो हमारा कहाँ कोई ठिकाना  था।
अंदाज़ उनके देख रहे थे हम बदलते हुए।
उन्होंने तो अब तलक न हमें पहचाना था।
लोग मिलते ही भूल जाते हैं कि मिले थे।
यह रिश्ता तो सदियों पुराना था।
हमने जो उम्मीद लगाई थी बेकार थी।
देखा तो अब गुलशन दिल का वीराना था।
ये दिल, उनके लिए अब भी अनजाना था।
अब जान गये वो अपना नहीं बेगाना था।
142 27 Dec 1989
Wo Aaye Tou mehfil main Ronak Aa Gayi.
Nahi Toh Yeh Jshan Mehfil e Veerana tha.
Humne socha bhi Na Tha Woh Aayenge Magar Woh Aa Gaye.
Unkaraana Hamare Liye Najrana tha.
Aaj Na Jaane Kaise Hum Bhi Mehfil Mein Aa Gaye.
Nahi toh Hamara Kahan  koi Thikana   Tha.
Andaaz Unkey Dekh Rahe The Hum Badalte hue.
Unhonne to ab Talak Na hame PehchaNa Tha.
Log toh Milte Hi Bhul Jate Hain Hum Unse Mile the.
Yeh Rishta to sadiyon Purana Tha.
Humne Jo Ummeed Lagayi Thi Bekaar thi.
Dekha Toh ab bhi Gulshan Mere Dil Ka Veerana tha.
Ab Tou Vo Raahi Hamaare Liye unJaane Tha.
 Ab Jaan  Gaye Vo Apna nahi begaana Tha.

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