पल भर वह सोचें नहीं,हँस के दे दे जान ।
ऐसे वीरों का कभी ,व्यर्थ न हो बलिदान।
व्यर्थ न हो बलिदान , सभी हम सोचें आओ।
जन गण मन इक साथ, चलो सब मिल के गाओ।
देशभक्ति का बीज , उगाता है मीठा फल।
जब तक तन में जान ,करें देश भक्ति हर पल।
पल भर वह सोचें नहीं,हँस के दे दे जान ।
ऐसे वीरों का कभी ,व्यर्थ न हो बलिदान।
व्यर्थ न हो बलिदान , सभी हम सोचें आओ।
जन गण मन इक साथ, चलो सब मिल के गाओ।
देशभक्ति का बीज , उगाता है मीठा फल।
जब तक तन में जान ,करें देश भक्ति हर पल।
प्यारा यह संसार है, प्यार यहाँ अनमोल।
बिन पैसे है यह मिले, लगे न कोई मोल ।
लगे न कोई मोल, यहीं सब रह जाएगा ।
जिए जो खुश रहकर, मन नहीं घबराएगा।
प्यार बाँटने से, जीवन होगा न्यारा ।
बिता यहाँ दो घड़ी, जहान लगेगा प्यारा।
9.59am 26 Feb 2021
212 212 212 212
काफि़या :Qafia : आ ,Aa
रदीफ़: Radeef:तो सही, To sahi
तू गली में ज़रा मेरी, आ तो सही।
आ के तू दिल से दिल को मिला तो सही।
तू असर देख मेरी मुहब्बत का, फिर ।
दिल मिला, और अपना बना तो सही ।
आ गया जो मुहब्बत के पहलू में फिर ।
आ गया, फिर तू जाके दिखा तो सही।
दूर रह पाएगा एक पल भी न तू ।
इक दफा तू गले से लगा तो सही ।
जो किया है मुहब्बत ने मेरी असर ।
जादु अपना भी मुझ पर चला तो सही
4.10pm 24 Feb 2021
https://youtu.be/DEQwYBrq4qc
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2122 1212 22
काफ़िया :Qafia:अल Al
रदीफ़: Radeef: नहीं जाता Nahin jata
क्यों तेरा दिल मचल नहीं जाता ।
प्यार में दिल फिसल नहीं जाता ।
प्यार करता है तो तेरे दिल क्यों ।
यह मेरे आने से मचल नहीं जाता।
देख मासूम सा ये दिल मेरा ।
दिल तेरा क्यों पिघल नहीं जाता ।
गीत गाता रहूँगा तब तक मैं,
बन ये जबतक गजल नहीं जाता ।
दिल मेरा दिल तेरे से हमदम क्यों ,
तू बता, क्यों बदल नहीं जाता ।
पास आओगे क्या नहीं जब तक ।
दम ये मेरा निकल नहीं जाता।
12.54pm 22 Feb 2021
2122 1212 22
काफ़िया :Qafia:इया iaa
रदीफ़: Radeef: होता Hota
प्यार तुमसे, न ही किया होता ।
दिल ये अनजान को दिया होता।
प्यार में तेरे मैं मरा जाता ।
काश इक पल तो हाँ जिया होता।
जान जाता जो प्यार को तेरे।
जहर यूँ तो न हाँ पिया होता।
तुझ पे बर्बाद जिंदगी कर दी ।
कुछ तो अच्छा यहां किया होता।
कुछ न होगा यूँ सोच कर अब तो।
कब, कहाँ,कैसे ,क्या किया होता।
9.00am 22 Feb 2021
लहरों से दूर ,
चला हो मजबूर ।
सूरज की किरणों का,
अब कहां हो नूर।
अब वही है थल ,
और वही हलचल।
नीला सिर्फ आसमान,
नहीं नीला जल ।
अब हरियाली होगी ,
वहां हर जगह हर पल।
चाहे जो हो परिस्थिति।
तू , चला चल ,चला चल।
9.33am 21 Feb 2021
दर-दर मैं घूमता रहा ,
चैन न आया किसी जगह ।
जो मैं बैठा एक जगह,
चैन आया उसी जगह ।
चैन की कोई जगह नहीं ,
चैन तो अपने भीतर ही ।
डोलता रहता मन यूँ ही ,
दशा जो जानों भीतर की ।
उसको तू ढांडस बंधा।
मन पाएगा चैन तभी।
22.30pm 20 Feb 2021
सागर की लहरें जैसे लेती हिचकोले।
ऐसे ही जिंदगी इधर-उधर है डोले।
बाहर फेंके लहरें जैसे सीप और मोती ।
ऐसे ही जिंदगी ,कई भेद है खोलें।
जिंदगी के इस हसीन सफर में ,
जिंदगी कितने रस है घोले।
पंछी गाते गीत मधुर है
और कितनी मधुर बाणी है बोले।
कर ले इसका तू सद्उपयोग,
ताकि जीवन रस, मिश्री घोले।
9.03pm 19 Feb 2021
यह समुद्र की लहरें ,
क्या यह खामोश हैं।
या इनका शोर ही शोर है।
क्या कहेंगे इनको ,
तनहाई में बहक रही हैं,
यह इधर उधर या इनको ,
किसी की तलाश है ।
बड़े जोश से आती हैं ,
किनारे की तरफ, पर ,
किनारा मिलते ही ,
एकदम शांत हो जाती हैं।
जैसे इनका मन ,
कुछ कहने को मचल रहा हो,
पर प्रीयतम के सामने आते ही ,
स्वर कंठ से बाहर न आ पा रहे हों ।
और फिर नजरें झुका कर ,
वहीं चुपचाप खड़ी हो जाएं।
और ,फिर एक बार ,
वही करने का प्रयास करती हुई,
एक बार फिर ,
किनारे की तरफ बढ़ आएं।
और प्रयास जारी रहे ,
तब तक ,जब तक, कि ,
उनके मन की बात ,
प्रियतम सुन ना ले।
7.47pm 18 F3b 2021
झील किनारे बैठे यूँ ही,
आहट झरने की सुनते ज्युँ ही,
यादों में तेरी मैं जब खोया।
मन के भीतर जो लहरें उठीं,
सोच में पड़ गया त्यूँ ही,
क्या पाया मैंने क्या खोया।
क्यों सोचता है मन इतना,
पूछना क्या है इसमें इतना,
पाया वही है, जो है बोया।
8.30am 17 Feb 2021Wednesday
सुहाना हर सफर है ,
और हसीन साथ है।
गुजरते हुए वादियों में,
हाथों में तेरा हाथ है।
तनहाई सब मिट गई,
फूलों की बहार है ।
साथ तेरा जब से मिला,
हसीन हर रात है।
साथ यूं ही बना रहे,
यही खुदा से दरख्वास्त है।
9.46pm 16 Feb 2021Tuesday
दिल से दिल की कर बात ,क्यूँ होय परेशान।
ये भी जाएगा बीत, समय बड़ा बलवान।
समय बड़ा बलवान, जो रखे इसका ध्यान।
ये फिर उसका होय, और बढा़ये ये मान।
मूल्य इसका जान, और चल सबसे हिल मिल।
मिल जाएगा मान, जब मिलेंगे दिल से दिल।
10.14pm 14 Feb 2021
हिंदुस्तान है मेरा ,है मुझको अभिमान।
चाहूँ सबसे मैं यही, हो इसका सम्मान।
हो इसका सम्मान, फिर बड़े देश की शान।
भारत पर फिर करे, हर भारतवासी मान।
भारत में जन्म लिया, ये है मुझको अभिमान।
भारतवासी कहें, जय जय जय हिंदुस्तान ।
1.06pm 12 Feb 2020
कौन कहता है मजा सिर्फ पीने में है ।
मजा तो खुलकर जीने में है।
पीकर तो होश खो बैठता है आदमी,
मजा तो होश में रहकर जीने में है।
मदहोशी में क्या पता, क्या किया, क्या मजा,
मजा़ होश में रहकर खुलकर जीने में है।
पीकर तो बस मदहोशी छाई है।
बेहोशी में क्या जाने,
जिंदगी क्या रंग लाई है।
खोल आँखें होश में आ जा तू,
देख होश में रहकर ,
ऊपर वाले ने क्या दुनिया बनाई है।
01.13pm 13 Feb 2021
अचरज तू काहे करे, सुन दुनिया का हाल।
हर तरफ मचा है यहाँ, दंगा और बवाल ।
दंगा और बवाल ,रोक सके तो रोक ।
अगर न कुछ कर पाय, फिर क्या सुधरे परलोक ।
क्या सुधरे परलोक ,बैठा रहे जो सज धज।
बिगडे़गा इह लोक ,फिर न करना तू अचरज।
13.06pm 12 Feb 2020
Book Naitik Rattan, नैतिक रत्न
अनजानो से ज्यादा जान पहचान मत रख ।
सोच समझ के दाँव रख जब रख ।
रास्ते हैं टेडे़ मेड़े तो होने दे।
तू अपनी मंजिल पर बस आंख रख
हौसला नहीं छोड़ना है मुश्किलों के आने पर ।
तू अपने हौसलों को सदा बुलंद रख ।
देखते हैं लोग तमाशा तो देखने दे ।
तू अपनी मंजिल पर बस आँख रख।
निकल जाएगा जो भी आएगा तूफान।
बस तू अपने मन का दरवाजा खुला रख।
आने दे मुश्किलों को जो आती है सामने।
पार कर जाएगा उनको तू उन पर पांव रख।
2.57pm 08 Feb 2021
आईना रख सामने कि, सच्चाई देख सको ।
गलत राह पर चलने से खुद को रोक सको ।
बहाने बनाने का सिलसिला रखो खुद से दूर ।
ताकि खुद तुम सच की मंजिल खोज सको ।
आसान नहीं होता पाना मंजिल को फिर भी ।
पा लोगे तुम उसको जो हौसला करो ।
जिनके इरादे होते हैं बुलंद आगे बढ़ने के ।
फिर नहीं किसी में हिम्मत कि उनको रोक सको।
2.54pm 08 Feb 2021
अरमानों भरी एक बार फिर आई है रात ।
होगी एक बार फिर दिल से दिल की बात।।
बातें होंगी दिल खोल दिल से दिल की।
ब्याँ होंगे आँखों से भी दिल के जज्बात।।
बरसों बीते हैं साथ साथ रहते हुए ।
साथ गुजारे हैं ,रहे कैसे भी थे हालात।
गुजर गए हैं मुश्किलों के पल अब तो।
अब तो गूँजेंगे बस प्यार भरे नगमात।
अब तो यही है तमन्ना, भूल जाएं गम सारे।
और गुजरें प्यार से आने वाले लम्हात।
3.01Pm 08 Feb 2021
किधर को निकले ,किधर चल पड़े .
निकलते ही फासले हो गए खड़े .
किससे करें शिकायत किससे करें गिले।
जो मिले रास्ते में, उनसे न दिल मिले ।
तमन्ना थी बड़ी, मंजिल को पाने की।
पर जिंदगी को पड़ी थी हमें आजमाने की।
हम भी ढीठों की तरह रहे अड़े।
तभी तो हम आज बन पाए बड़े।
14.51pm 08 Feb 2021
कोई नहीं जानता प्रकृति के रंग ।
कब बदल लेती है ये अपने ढंग।
जब दिखाती है ये अपने रंग।
कोई नहीं कर सकता इससे जंग।
मनुष्य सोचता है, मुझ में बड़ी है ताकत ,
पर कर नहीं सकता प्रकृति से बगावत।
चुपचाप सहती रहती है यह धरती ,पर ,
जब उखड़े,कोई रोक सके ,नहीं किसी में ताकत।
मनुष्य नहीं संभलता, उल्टे सीधे ख्वाब बुनने से।
सोच लेता है रोक लेगा प्रकृति पर बाँध बुनने से।
मानव ,तुझ में नहीं ताकत, तू रोक सके प्रकृति के रंग।
प्रकृति रंग दिखाएगी ही,जो बदले नहीं तूने अपने ढंग।
2.55pm 2.56pm 7 Feb 2021
क्या खूब होती है यह तस्वीरें ।
बन जाती हैं यादों की जागीरें।
भूली बिसरी यादें लाकर सामने।
खोलती यादों की पोटली ये तस्वीरें।
तस्वीरें चाहे बोलती नहीं पर ,
फिर भी ,बहुत कुछ बोल जाती हैं।
दिखा जाती है तुमको कैसे आज
बदल गई हैं तुम्हारी तकदीरें।
एक बार फिर पीछे मोड़ देती हैं।
बीती यादों के पन्ने खोल देती हैं।
मीठी यादें, भूली बिसरी यादें,
फिर सामने ले आती है तस्वीरें।
12.15pm 6 Feb 2021
रोटी का सब खेल है यारो।
इससे सब का मेल है यारो।
रोटी के पीछे दुनिया घूमे ,
पर यह दुनिया गोल है यारो।
रोटी सबको ऐसे घूमाए,
सब हैं चक्कर खाए यारो।
रोटी जैसे है गोल गोल,
दुनिया वैसे गोल है यारो।
कोई न जाने रोटी का मोल,
रोटी है अनमोल यारो।
कभी किसी को भूखा देखो,
दे देना रोटी दिल खोल यारो।
वहां कभी भी बहस न करना,
जहाँ रोटी का हो झोल यारो।
रोटी की जहाँ बात आ जाए।
वहाँ न कुछ भी बोल यारो।
4.28pm 5 Feb 2021
परेशानियां सब छोड़कर ,
नया गुलसितां सजाना है।
शब्द अच्छे घोलकर ,
माहौल खुशनुमा बनाना है।
भेदभाव मिटाकर सारे,
हमें सबको अपनाना है।
दूरियां मिटा के सारी ,
पास सब को लाना है।
किसी को कोई डर ना हो,
रास्ता वह बनाना है।
हर तरफ हँसी दिखे ,
दिल से दिल मिलाना है।
चाहें सब तरक्की सबकी,
सबके दिल में लाना है।
गर्व करें फिर हर कोई,
ऐसा भारत बनाना है।
12.19 pm 4 Feb 2021
यादों के गहरे सागर में,भर आया था प्यार तेरा।
बहुत देर तक समां न सका,उछल आया अहंकार तेरा।
खुद को बड़ा कभी न समझ,बड़ा तो ऊपर वाला है ।
किसी के हाथ नहीं रहता, जब छीनता वो निवाला है।
मेरे इस प्यार को, एहसान तुम समझना नहीं।
अगर समझ लिया तो, फिर उतार देना कहीं।
आशिकों की दीद को, समझा तुमने क्या ।
जिस बात का डर था ,आखिर वही हुआ।
2.42pm 3 Feb 2020
जब माँ के घर था लाडला आया ।
सारे परिवार ने था जश्न मनाया।
लाडला फिर बड़ा होने लगा।
लाडले को फिर खूब पढ़ाया।
फिर वो बड़ा अफसर बन गया ।
खूब उसने फिर नाम कमाया।
एक दिन ऐसा दिन भी आया ।
बेटे का ब्याह रचा, बहू घर में लाया।
माँ ने फिर एक बार जश्न मनाया।
आते ही बहू ने फरमान सुनाया।
मुझे सबके साथ नहीं रहना है।
मुझको यहाँ का माहौल न भाया।
जब सब मिल खाना खाने बैठे।
लाडले ने फिर सबको बताया।
बहू चाहती है अलग रहना सबसे।
उसके लिए मैं अलग घर देख आया।
बेटे की बात सुनते ही घर में ।
एकदम गहरा सन्नाटा छाया।
माँ को कहा, उसके रहने का इंतजाम कर दो।
जाकर राशन पानी सामान भर दो।
बहू सोच में पड़ गई जब मतलब समझा।
एकदम जैसे उसको लग गया था झटका।
बेटा बोला तुमको अलग रहना है ।
तुमने ही था फरमान सुनाया।
तुम्हारी इच्छा का मान रखकर,
मैंने तुम्हारा ही सम्मान बढ़ाया।
मैं तो खुश हूं अपने घर में।
पर तुमको तो यह घर न भाया।
तुमसे मिलने आ जाऊँगा ।
जब जब में समां निकाल पाया।
तुम अपना घर छोड़कर आई हो।
हम तुम्हारा कहना टाल नहीं सकते।
तुम करो जो चाहो करना ,पर
हम भी अपने घर को छोड़ नहीं सकते।
इतना सुनते सबकी आँखें खुली रह गई।
बात आज तक ,जहाँ थी वहीं रह गई।
बहू पति के आगे नतमस्तक हो गई।
फिर हमेशा के लिए उस परिवार की हो गई।
9.48pm 2 Feb 2021
2122 1212 112
क्या बताऊँ मेरा ,जो हाल रहा ।
रात दिन तेरा ,बस खयाल रहा।
हैं गये जब से, जिंदगी से मेरी ।
एक बस उनका, गम हूँ पाल रहा।
काट तो ली है, जिंदगी की डगर ।
कितना पर इसमें मैं बेहाल रहा।
क्या कमी थी जो छोड़कर वो गये ।
जिंदगी भर यही सवाल रहा।
जिंदगी को जवाब दे न सके ।
जिंदगी भर यही मलाल रहा।
2122 1212 112
1.01pm 01 Feb 2020