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क़ाफ़िया आर
रदीफ़ हमारा क्या है
मेरे कैसे भी हो हालात हमारा क्या है।
तू जो कह दे वही सच बात हमारा क्या है।
है तुम्हारे यहांँ आंँसू भी तो मोती जैसे।
न कोई पूछे है जज़्बात हमारा क्या है।
वो हसीं शाम जुदा आप हुए जब हमसे।
न जो गुजरी अभी वो रात हमारा क्या है।
वो रहें खुश है यही रब से दुआ, हम पर तो।
हो रही गम की है बरसात हमारा क्या है।
जो खुशी तुमको मिलेगी उसी में खुश हो लेंगे।
मिले तुमको हसीं सौगात हमारा क्या है।
दो जहां की थी लुटाई सभी खुशियांँ उन पर।
मिली बदले में थी खैरात हमारा क्या है।
(न मिली प्यार की खैरात हमारा क्या है।)
बचा उनको लिया, थी गीत की किस्मत अच्छी।
लगी थी चोट हुआ घात हमारा क्या है।
7.25pm 21 Jan 2025
इस बहर का फिल्मी गीत
कभी खुद पर कभी हालात पर रोना आया
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