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Saturday, 3 May 2025

3099 गाना की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने


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की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने।

मोहब्बत ने मुझको है अब तक दिया क्या।

है तड़पाया मुझको कि जैसे हो मछली,

बिना पानी देखो, जिया तो जिया क्या।


वो चाहते अगर हम फना हो ही जाएं,

तो हमको भी जीना गँवारा नहीं है। 

बता क्यों ही बैठें तेरे गम के मारे,

मैं जी जाऊँ ऐसा है तुमने किया क्या।

की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने।

मोहब्बत ने मुझको है अब तक दिया क्या।

है तड़पाया मुझको कि जैसे हो मछली,

बिना पानी देखो, जिया तो जिया क्या।


मैं खोया हूंँ जब से तेरे प्यार में तो, 

इक पल यूंँ बीता हो इक साल जैसे।

खता हो गई जो दिया दिल ये अपना।

दिया ही था मैंने क्या तुमसे लिया क्या।

की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने।

मोहब्बत ने मुझको है अब तक दिया क्या।


कई बार सोचा करूंँ बात तुझसे।

इशारे मेरे तू समझती नहीं है। 

ये सोचा, लगी बात तुझको बुरी जो,

दिया जख्म तुझको तो खुद का सिया क्या।

की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने।

मोहब्बत ने मुझको है अब तक दिया क्या।


सनम सोच ले इक दफा तो तू फिर से, 

चला जो गया तो न फिर मैं मिलूँगा।

जो मिलता कदर उसकी होती नहीं है। 

वो क्या पीछे से, घूंँट गम का पिया क्या।

की जब से मोहब्बत है तुमसे यह मैंने।

मोहब्बत ने मुझको है अब तक दिया क्या।

है तड़पाया मुझको कि जैसे हो मछली,

बिना पानी देखो, जिया तो जिया क्या।

10.4pm 2 May 2025

इस बाहर पर गीत 

जो उनकी तमन्ना है बर्बाद हो जाए ं

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