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Wednesday, 21 May 2025

A+ 3117 ग़ज़ल लोग कहते हैं


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क़ाफ़िया ए

रदीफ़ लोग कहते हैं

मुहब्बत हो गई उनसे, हमें ये लोग कहते हैं।

वही इस बात को समझे न, सारे लोग कहते हैं।

हुई क़िस्मत जो अपनी तो, बनोगे एक दिन मेरे।

नही कुछ राब्ता हमसे, ये चाहे लोग कहते हैं।

तुम्हारी खूबसूरत सी, नज़र चाहे चुराए दिल। 

बड़ी मासूम सी हो क्यों, ये ऐसे लोग कहते हैं।


चुराकर दिल रवाना हो गए, तुम अपने रस्ते पर।

मुझे क्यों चोर सारे ये भले से लोग कहते हैं।

कि देखा दूर से ही बस, तुम्हें मैंने तो है अब तक।

न जाने क्यों कहें छुप-छुप मिले थे, लोग कहते हैं।

यक़ीं क़िस्मत पे मुझको है वो होगा एक दिन मेरा।

न तुम उससे कभी भी मिल सकोगे, लोग कहते हैं।

ज़माना सोचे‌ बस ग़म प्यार में ही है सदा मिलता।

लगी चिंता उन्हें, कैसे सहोगे लोग कहते हैं।

दिवाना सा हुआ मैं, घूमता अब याद में तेरी।

न जाने 'गीत' क्या-क्या अब, बदलते लोग कहते हैं।

3.55m 21 May 2025

1 comment:

Anonymous said...

वाहहहहह वाह