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Monday, 31 July 2017

K3 00175 जब तू हाँ में हाँ मिलाती है(Jab tu haan me Haan milati hai)

मेरी बात में जब तू ,हाँ में हाँ मिलाती है,
तो करार आता है।
क्योंकि ऐसा वक्त मुश्किल से आता है,
जब मेरा दिल तेरा साथ पाता है।
मैं तो कुछ भी यह सोच कर नहीं कहता,
कि तूम मेरा साथ दोगी।
सोच लेता हूँ तुम जब विरोध करोगी तो क्या कहूंँगा।
मगर यह बता दूँ तुझे मैं,
बहस का अपना ही मज़ा है।
कभी-कभी तो तेरी बात से मेरा दिल सज़ा पाता है।
और जब कभी तू हार जाती है, तो मेरा दिल ना करार आता है।
तेरी जीत हो कभी, सुख पा भी लूं मैं।
क्योंकि, अपनी हार मुझे हार नहीं लगती,
तुम्हारी हार पे मेरा दिल तड़प तड़प जाता है।
175 21Mar 1990

Meri Baat Mein Jab tu, haan me Haan milati hai,
Tu Kharar Aata Hai.
Kyunki Aisa Waqt Mushkil Se Aata Hai,
Jab Mera Dil Tera Saath Paata Hai.
Main To Kuch Bhi Yeh Soch kar nahi kehta,
Ki Tu Mera Saath degi.
Soch Leta Hun, Jab Tu Virodh Karegi Tu Kya Kahoon ga.
Magar Yeh Batta dun Tujhe Main,
Behes ka Apna Hi Maza hai.
Kabhi Kabhi Toh Teri Baat se mera dil Saja pata hai.
Aur jab Kabhi Tuh Haar Jaati Hai Tum Mera Dil Na Karar Pata Hai.
Teri jeet ho Kabhi ,Tu Sukh paa bhi Lun mein.
Kyunki apni  Haar mujhe haar Nahi Lagti,
Tumhari Haar pe Mera Dil Tadap Tadap jata hai.

Sunday, 30 July 2017

K3 00174 तड़प दीदार-ए-यार की (Tadap Deedar e Yaar Ki )

बहुत देर तक जब तुम्हारी कोई खबर न मिली मुझे,
तो तड़प दीदार-ए-यार की उठने लगी।
रहा गया मुझसे न बिन देखे तुझे,
तभी, मेरे दिल की आग सुलगने लगी।
आँखों की प्यास, दिल की आग, बुझाने मैं आया तेरे पास,
तब जाकर कहीं आग ठंड़ी होने लगी।
नज़रें तो मिली मगर हो न पाई कोई बात,
तभी तो धड़कन मेरे सीने की बढ़ने लगी।
तुम्हारा साथ पाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं,
मगर तुम तो अपनी ही धुन में मग्न हो,
तुम्हें क्या पड़ी।
हाल मेरे दिल से पूछो क्या होता है,
जब लगती है सावन में झड़ी।
यह वो आग नहीं ,जो बरसात से बुझ जाए,
ये आग न बुझने वाली है, जो मेरे दिल में है लगी।
174 16 Mar 1990
Bahut Der Tak Jab Tumhari Koi Khabar na Mili Mujhe,
Tuo Tadap Deedar e Yaar Ki Uthne Lagi.
Raha Gaya Mujhse Na Bin Dekhe Tujhe,
Tabhi Mere Dil Mein Aag Sulag- Ne Lagi.
Aankhon Ki Pyas, Dil Ki Aag, Bujaane Main Aaya Tere Paas,
Tab Jakkar Kahin aag Thandi Hone Lagi.
Nazreyn to Mili Magar Ho Na Payi Koi Baat,
Tabhi tu Dhadkan Mere Seene ki Badne Lagi.
Tumhara saath pane ke liye Tadap Rahe Hain Hum,
Magar Tum Toh Apni Hi Dhun Mein Magan Ho, Tumhe Kya Padi.
Haal Mere Dil Ka Pucho Kya Hota Hai,
Jab Lagti Hai Sawan Ki Jhadi.
Ye Vo Aag Nahi Jo Barsaat Se Bujh Jaye.,
Ye Aag na Bujhne Wali Hai, Jo Mere Dil Me Hai Lagi.

Saturday, 29 July 2017

K3 00165 वो जब हमारे दामन से लिपटे (Woh jab Hamare Daman Se lipte)

वो आज जब हमारे दामन से लिपटे तो हमसे भी रहा न गया।
हमने भी बाहें फैला कर उन्हें बाहों में भर लिया।
गिले-शिकवे जो आज तक रहे हमारे बीच उन्हें दिल से मिटा दिया।
बुझता चिराग उम्मीदों का उन्होंने आकर फिर जला दिया।
उन्होंने मुझे वो दिया ,जिसकी तमन्ना थी।
मुझे जो न अभी तक था मिला।
सामना हम भी उनका प्यार से कर गए।
उनकी हर बात का जवाब हंँस के दिया।
अंधेरे में रोशनी ने उनकी, दिल के हर कोने को चमका दिया।
अश्कों के जाम जो अब तक पीते रहे थे हम।
आज जाम ए उल्फत पिला दिया।
उनकी हर अदा में नशा था, मुझे उन्होंने बिन पिए मदहोश था किया।
उन्होंने आकर जला दिया मेरी जिंदगी का दिया।
165 13Feb 1990
Woh aaj jab Hamare Daman Se lipte ,To Hum Se Bhi Raha Na Gaya.
Humne bhi Bahain Phelakar Unhain Bahon me Bhar liya.
Gile Shikwe Jo Aaj Tak Rahe Hamare beech, Unhein dil se mita diya.
Bujhta Chirag UMidoun Ka UNhone Aakar phir Jla Diya.
Unho Ne Mujhe Woh Diya Jis Ki Tamanna thi.
Mujhe jo na abhi tak tha Mila.
Samna Hum Bhi Unka  Pyar Se Kar Gaye.
Unki Har Baat Ka Jawab Hans kar diya.
Andhere Mein Roshni Ne Unki, Dil ke har Kone Ko chamka Diya.
Ashkon ke Jaam Jo Ab Tak Peete rahe the Hum.
Aaj Jaam e Ulfat Pila Diya.
Unki Har Ada Main nsha Tha,Mujhe Unhono ne Bin Piye BehKa Diya.
Unhonne Aakar jala Diya Meri Zindagi Ka Diya.

Friday, 28 July 2017

K3 00166 रोने लगे वो तो मेरे आँसू थम गए (Rone lage Vo toh Mere Aansu Tham Gaye)

रोने लगे वो तो, मेरे आँसू थम गए।
लोग लेकर आए शब्दों के हार बहलाने के लिए।
मगर उनके आँसू तो बहते चले गए।
दिल रो रहा था मेरा, मैं उनको रोने से रोकूँ तो कैसे।
सबने मनाना चाहा उनको,
मगर, उनकी आँखों से बहते दरिया को रोकूँ तो कैसे।
आज तो उन्होंने ठान ही ली थी आँखों को छलकाने की।
लोग अब तो जाम उठा कर बैठे हैं सामने ।
देखिए तो जमाने को, कैसे बदल गई है हवा जमाने की।
उनके तो सारे आँसू नजरों से बह गए।
हमने अपने पैमाने छलकने से रोके, ये न पूछो कैसे।
मगर, आप सीमा तो देखिए हमारी, गम सहने की।
166 13 Feb 1990
Rone lage Vo toh Mere Aansu Tham Gaye.
Log Lekar Aaye shabdon k Haar behlaanne ke liye.
Magar Unke Aansu To Behte chale gai.
Dil Ro Raha Tha Mera Main UnKo Rone Se rokun to Kaise.
Sabne M Na Na Chaha unko.
 Magar Unkie Aankhon Se Baithi dariya mein Rokun To Kaise
Aaj to Unhonne Thaan Hi lee Thi aankhon ko chalkaane Ki.
Log ab toh Jaam Utha Kar Behte Hain Saamne.
Dekhiye to Zamane ko, kaise Badal Gayi Hai Hawa Zamane Ki.
Unkey To saarray Aashu Nazron Se Bahe Gaye.
 Humne Apne pemaane chalkaanein Se roKe, Ye Na Pucho Kaise.
Magar, aap seemaa to dekhiye Hamari Gum sehne ki.

Thursday, 27 July 2017

K3 00167 बेवफा़ बेवफा़ ही होते हैं (Bewafa BeWafa Hi hote hain)

 बेवफा़ बेवफा़ ही होते हैं , वफा़ की उम्मीद करना है बेकार।
हम वफा़ करें भी तो क्या, बेवफा़ न करेंगे वफा़ एक भी बार।
उनकी अदा को देखकर, हमारा दिल मोम हुआ।
हमारी वफ़ा का देखिए, आज क्या  अंजाम हुआ।
उनकी वफ़ा भी, बेवफ़ाई की ही एक चाल थी।
जो, हम न जान पाए उनकी दिल्लगी, तभी तो यह हाल हुआ।
आशिकाना अंदाज़ था कल उनका, हमारे साथ।
हम मदहोशी में उनका अंदाज़ न देख पाए, तभी तो हाल बेहाल हुआ।
आज भी हम उसी प्यार से उनके पास गए ,
कहने को है मलाल, जो आज हमारे साथ हुआ।
167 14 Feb 1990
Bewafa BeWafa Hi hote hain, Wafa ki Umeed karna hi bekar.
Hum Wafa Karain bhi To Kya,Bewafa Na Karenge wafa ek Bhi bar.
Unkey ada kal Dekh Kar Hamara Dil Mom Hua.
Hamari Wafa Ka dekhiye Aaj Kya Anjaam hua.
Phoneky wafa Bhi Bewafai Ki Hai Ek Chal thi.
Jo hum na jaan paaye Unki Dil -Lagi Tabhi Toh Yeh Haal hua.
Aashiqana Andaaz tha kal  Unka Hamare saath.
Ham madhushi mein UnKa Andaz Na Dekh paaye Tabhi tu Haal Be Haal hua.
Aaj Bhi hum ussi Pyar Se unke Paas Gaye.
Kehne ko hi malaal Jo Aaj Hamare Saath Hua.

Wednesday, 26 July 2017

K3 00168 दिल धड़क रहा है मेरा(Dil Dhadak Raha Hai Mera)

सुन कर तेरी आवाज दूर से,
दिल यहाँ धड़क रहा है मेरा।
पास तेरे में पहुँच जाऊँ किसी तरह,
दिल चाह रहा है मेरा।
बातें तेरी मुझे यहाँ मदहोश कर रही है,
जी चाह रहा है बाहों का आसरा पा लूँ मैं तेरा।
प्यार का सबक तू सबको दे रही है,
मुझे तड़पा रही है तू बता क्या कसूर है मेरा।
कभी पास बुलाकर तो देखा होता,
प्यार की बात तू करती है,
चीर के दिल दिखा देता मैं तुझे मेरा।
168 4 Mar 1990
Sun kar Teri Awaz Dur se,
Dil Yahan Dhadak Raha Hai Mera.
Paas Tere Main pahuch jaon Kisi Tarah,
Dil chah Raha Hai Mera.
Batain Teri Mujhe Yahan Madhosh kar rahi hai,
Ji Chaha raha hai bahon ka Aasara Paa Lun Main Tera.
Pyaar Ka Sabak tu sab ko de rahi hai,
Mujhe Tadpa Rahi Hai Tu Bata Kya Kasoor Hai Mera.
Kabhi Paas Bula Kar Tuo Dekha Hota,
Pyar Ki Baat tu karti hai,
Cheer Ke Dil dekha Deta Main Tujhe Mera.

Tuesday, 25 July 2017

K3 00169 समझ न आए तेरी बात मुझे(samajh Na Aaye Teri Baat Mujhe)

क्या करूँ जो समझ न आए तेरी बात मुझे,
तू यह समझे मैंने न गौर किया,
और यही बात मन ही मन रुलाए तुझे।
बात इतनी सीधी नहीं कि मैं समझ जाऊँ,
तू भी तो पहेलियाँ बुझाती है,
तभी तो तेरी बात मैं जान नहीं पाता।
दुख देती होगी मेरी नासमझी तुझे।
बात साफ कहती तो समझने की कोशिश करता,
शायद समझ में आ जाती मुझे।
169 4 Mar 1990
Kya Karoon Jo samajh Na Aaye Teri Baat Mujhe,
Tu Yeh samjhe Maine Na gaur Kiya,
Aur Yahi baat man hi man Rulaye Tujhe.
Baat Itni seedhi nahi ki main samajh jaon,
Tu Bhi Toh paheliyan bujhati hai,
Tabhi To Teri Baat Main Jaan nahi Paun.
Dukh DeTi hogi meri na- samjhi Tujhe,
Baat saaf saaf Kehti toh samajhne ki koshish Karta,
 Shayad Samajh Mein Aa Jati Mujhe.

Monday, 24 July 2017

284 तूने मेरा दर्द ना जाना (Tune Mera Dard Na Jaana)

दो दीवाने जब मिल जाते हैं तो कहते हैं,
इस दुनिया ने दिल का दर्द ना जाना।
एक हम हैं, कि जिसका दर्द वही नहीं जानता,
जिससे चाहा हमने प्यार निभाना।
जख्म उनको मिलते हैं जमाने वालों से,
मेरे जख्म को मेरे यार ने ना पहचाना।
जमाने के सताये जाने को शायद सह भी लेते,
जब अपना ना जाने तड़प,
तो जी चाहे मर जाना ।
लुटा दूंगा अपना सब कुछ तेरे नाम पर,
जो तू चाहे मुझे आजमाना।
मगर क्या करुं,
तूने मेरा दर्द ना जाना।
मेरा जख्म ना पहचाना।
मेरा प्यार ना जाना।
284 4May 1991
Do Deewane Jab Mil Jate Hain toh kehte hain,
Is Duniya Mein Dil Ka Dard Na Jaana.
Ek Hum Hai Ki Jiska Dard  wahi Nahi Janta,
Jissee Chaha Humne Pyar Nibhaana.
Zakhm Unko Milte Hain Zamane Walo se,
Mere Zakhm ko Mere Yaar ne na pehchana.
zmaane ke Sataye Jane ko Shayad Seha Bhi lete.
Jab Apna Na Jaane Tadap, Tu Zee Chahe Mar Jana.
Luta dunl Apna sab kuch Tere Naam Pe.
Jo Tu Chahe mujhe aaj-Mana
Magar Kya Karu,
Tune Mera Dard Na Jaana,
Mera Zakhm na pehchana.
Mera Pyar Na Jana.

Sunday, 23 July 2017

283ख्वाब ख्वाब ही रहे (Khwab Khwab Hi Rahe)

आप कहते हैं हम बर्बाद हो गए।
हमसे पूछो, हम तो आबाद कभी हुए ही नहीं।
आप कहते हैं, दिल हमारा टूट गया।
हमसे पूछो ,जो कभी जुड़ा ही नहीं।
आपके ख्वाब बनके ही बिखरे होंगे।
हमारे ख्वाब ख्वाब ही रहे, कभी बने ही नहीं।
तुम्हें तो नाज़ होगा कि दिल लगाया ,कभी तो ,तुमने किसी से।
हम तो अपने ख्वाब को , अपना बना सके ही नहीं।
किसी से तो तुमने कभी प्यार की बात की होगी।
हमारे सामने तो ऐसा मुकाम आया ही नहीं।
नफ़रत मिली तूम्हें यह भी तो एक नेमत है,
हमसे पूछो, जिन्होंने कभी कुछ पाया ही नहीं।
283 4 May 1991
Aap Kehte Hai Hum Barbad Ho Gaye.
Humse Pucho, Hum toh aabaad Kabhi Huye hi nahi.
Aap kehte hai, Dil Hamara Toot Gaya.
Humse Poocho Jo kabhi juda hi nahi.
 Aap Ke Khwab Ban Ke Hi  Bikhare Honge.
Hamare Khwab Khwab Hi Rahe, Kabhi Bane Hi Nahin.
Tumhain Toh Naaz Hoga ,Ki Dil Lagaya Kabhi Toh, Tumne Kisi Se.
Hum Toh aapne Khwaab Ko apna bana sake hi nahi.
Kisi Se Toh tumne kabhi Pyar Ki Baat ki Hogi.
Hamare Samne To Aisa Mukam Aaya hi nahi.
Nafrat Mili Tumhe Ye Bhi to Ek naymat hai.
Humse Pucho jinhone Kabhi Kuch Paya Hi Nahi.

Saturday, 22 July 2017

282 अपने भी दे जाते हैं धोखा (Apne Bhi de Jaate Hain Dhoka.)

अपने भी दे जाते हैं कभी कभी धोखा।
चाहे कितना ही सोचो ,कि ऐसा नहीं होगा।
तोड़ जाते हैं वही वफा से भरा दिल,
जिनकी वफा़ पर हमें है नाज़ होता।
दुनिया तो चल ही रही है फिर भी,
चाहे ,कभी वह नहीं हुआ, जो हो सोचा।
यह सिर्फ सोचने की ही बात है कि,
काश जो हमने सोचा था ,वही होता।
शायद, वो काम पूरे भी हो जाते।
जो ना देते राह ए वफा़ में हमें वो धोखा।
अपने भी दे जाते हैं कभी कभी धोखा,
चाहे कितना भी सोचो, कि ऐसा नहीं होगा।
कहां से कहां पहुंच जाते हम और वो,
जो वो कायम रखते अपना भरोसा।
282 29 April 1991
Apne Bhi de Jaate Hain Kabhi Kabhi Dhoka.
Chahe kitne hi Socho , ki aisa nahi hoga.
Tod Jate Hain Wahi Wafa Se Bhara Dil,
Jinki Wafa par Hame  Hai Naaz Hota.
Duniya toh chal rahi hai phir bhi,
Chahe Kabhi Veh nahi Hua, Jo Ho Socha.
Yeh hai sirf sochne ki hi baat hai ki,
Kaash ,Jo Humne Socha Tha wahi Hota.
Shayad, Wo Kaam Pure bhi ho jate,
Jo Na dete Rah e Wafa Main  Hamain Dhukha.
Apni bhi De Jaate Hain Kabhi Kabhi Dhoka.
Chahe Kitne Bhi Socho ki aisa nahi hoga.
Kahan se kahan pahunch jate Hum Aur Vo,
Jo woh Kayam rakhte Apna Bharosa.

Friday, 21 July 2017

281 अकेले हैं हम (Akele Hain Hum)

मंजिल जो तय होती ,बढ़ा लेते अपने कदम।
यूं ही कैसे ,किन राहों पर चले हैं हम।
कोई साथी नहीं मेरा , कोई नहीं हमदम।
तनहाइयां हैं साथी मेरी, और ये गम।
जवानी लाई है तनहाइयां , ना लाई कोई रंग।
मंजिल तो तब तय होती, जब बनाता कोई सनम।
कदम मिलाकर चलता, बनता हमकदम।
मिलता जो कोई साथी, तो बढ़ा लेते अपने कदम।
281 28 April 1991
Manzil jo Taye Hoti, Bada late Apne Kadam.
Yunhi Kaise? Kin Rahon Par Chale Hum.
Koi Sathi Nahi Mera Koi Nahi Humdum.
Tanhaiya Hain Saathi Meri, Aur Yeh Gham.
Jawani Laai Hai tanhaiyan, Naa lai Koi Rang.
Manzil toh Tab Taye hoti ,Jab Banta koi Sanam.
Kadam Mila Kar Chalta,  Banta humkadam.
Milta Jo Koi Saathi, To badh Lete apne Kadam 

Thursday, 20 July 2017

280 तुम्हारे आने से Tumhaare Aane Se)

काश ,उसके दिल में भी उठती तड़प मेरे लिए,
तो हो जाती जिंदगानी  हसीन कितनी।
कर देते वो जो हाल दिल का बयान इक बार,
तो बन जाती जवानी हसीन कितनी।
तन्हाई ना सताती हमको तो उजाला करते घर में,
तो हो जाती दिवाली, हसीन कितनी।
बलखाती कमर ,लटकती चोटी लिए ,आती जो हवो कभी,
तो लगती वो मस्तानी हसीन कितनी।
यूं ही कह देती भोलेपन हमें वो हाल-ए-दिल,
उसकी लगती ये नादानी हसीन कितनी।
काश, उसके दिल में भी उठती तड़प मेरे लिए,
तो हो जाती जिंदगानी हसीन कितनी।
280 28 April 1991
Kaash Uske Dil Mein Bhi uthti  Tadap Mere Liye,
Tu Ho Jati Zindagani Haseen Kitni.
Kar de te  wo Jo Haal Dil Ka Bayan ek baar,
Tu Ban Jati Jawani Haseen Kitni.
Tanhai na Satati Humko Tu Ujala karte ghar me,
To Ho Jaati Diwali Haseen Kitni.
Bulkhati Kamar, latakti Choti Liye Aati Jo vo kabhi,
Tu Lagti vo Mastani Haseen Kitni.
Yuhi Keh Deti Bholepan Me Hame wo Haal e dil,
Uski lagti Ye nadani haseen Kitni.
Kaash, Uske Dil Mein Bhi uthti Tadap Mere Liye,
Toh ho jati Zindagani
Haseen Kitni.

Wednesday, 19 July 2017

K3 00135 गम दे जाते हैं(Gum Ka Zakhm)

जब भी आते हैं,एक नया गम दे जाते हैं।
रोम रोम खिलता है उनके आने से,
मगर, जाने तक उनके ,
हर फूल मुरझा जाता है।
जिससे रखते हैं खुशी की उम्मीद ,
वो कहीं ज़्यादा गम दे जाता है।
ये ज़ख्म जाने कब भरे, भरे या न भरे।
क्योंकि, जब ज़ख्म पर ज़ख्म बनता है,
पिछला न भरा हो, 
तो नया भरने को दुगना वक्त  लेता है।
इस दिल पर तो ज़ख्मों की भरमार है ।
शायद, जिंदगी खत्म होने के तक न भर पाएं।
" उस पे बुलाते हैं, 
अब क्या और भी कसर है,
कि गम लेने खुद आएं तुम्हारे पास।"
135 21Dec 1989

Jab Bhi Aate Hain Ek Naya Gham De Jaate Hain.
Hamara rom rom khilta Hai Unke Aane Se, magar,
Jane Tak Unke Har Phool murjha ,chuka Hota Hai.
Gham Bhari Hai Meri Duniya.
Jis Se Khushi ki Umeed rakhte Hain,
Woh usse Kahin Adhik Gham De jata hai.
Aaj ka Zakham Jane Kab Bhare.
Kabhi Bhare Bhi ya Na Bhare.
Kyunki jab zakham pe Nya Zakham banta hai.
Pichla Na Bara Ho  To Doosara Dugna Smay lagata Hai.
Aur Is Dil Par Zkhmon ki Bhrmar hai.
Shayad Ye Zindagi Ke khatam hone ke sath BHi Na Bhr Paayenge.
"Us per bulaate Hain Kehte Hain, Aana Nahin,
Ab kya aur bhi kasr hai,
Ki Gham lene Khud Aaun  tumhare paas.

Tuesday, 18 July 2017

K3 00134 वह आते हैं पास तो जैसे एहसान करते हैंहैं(Woh Aate Hain Hamare Paas Toh Jaise Ehsaan Karte Hain)

वह आते हैं पास तो जैसे एहसान करते हैं।
काम अपना करके वो तो चलते बनते हैं।
हमारी परवाह करके कौन यहाँ आता है।
आते हैं तो, अपने काम की बात करते हैं।
हमारी बात कौन यहांँ सुनता है,
वही कहते हैं, हम तो बस सुनते हैं।
हम जाना चाहते थे उनके पास मगर वही पहले आ गए।
वह आते हैं पास तो जैसे एहसान करते हैं
कहा, तुम्हें तो हमारे पास आने की चाह नहीं।
हमने भी सोचा, उन्हें भी तो हमारी परवाह नहीं।
नहीं जाते उनके पास तो क्या बुरा करते हैं।
वह आते हैं पास तो जैसे एहसान करते हैं।
हमने बताया हम आज तुम्हारे पास आने वाले थे।
वो कहते हैं, जो नहीं आते वो यही कहा करते हैं।
हम चुप रहे, वो क्या जानें हमारे जज़बात।
काम अपना करके वो तो चलते बनते हैं।
वह आते हैं पास तो जैसे एहसान करते हैं।
134 21 Dec 1989
Woh Aate Hain Hamare Paas Toh Jaise Ehsaan Karte Hain.
Kaam To Vo Apna Kar Ke , yahan se Chalte bante hain.
Hamari Parwah Karke Kon Yahan Aata Hai.
Aate hain toh, apne hi Kaam Ki Baat Karte Hain.
Hamari baat Kaun Yahan Sunta Hai.
Wahi Kehte hain Yahan Aakr, Hum Toh Bas sunte Hain.
Hum Zana to Chahte The unke paas , Magar, wahi pehle aa Gaye.
Vo Aaye Hamare Paas Toh Jaise Ehsaan Karte Hain.
Kaha, Tumhe toh Hamare Paas aane ki Chah nahin.
Humne Bhi Socha Unhain Bhi to Hamari Parwah Nahi.
Nahi Jaate Unke Pass tu kya Bura kerte hain.
Woh Aate Hain Hamare Paas Toh Jaise Ehsaan kerte hain.
Hum ne bataya Hum Aaj tumhare paas Aane Wale the.
Tu Kehte Hain ,Jo Nahi Aati Woh Yahi kaha Krte hain.
Hum Chup Rahe, wo kya Jane Hamare juzbaat ,
Kaam to Vo apna kar ke yahan se Chalte bante hai.
Woh Aate Hain Hamare Paas Tuo Jaise Ehsaan Karte Hain.

Monday, 17 July 2017

277 क्या करें ऐसा जो याद न आए तेरी(Kya Kare Aisa Jo Yaad Na Aaye Teri)

रोकते रहते हैं खुद को, तुझे याद करने से,
इस तरह भी तो तुम ख्यालों में रहते हो।
क्या करें ऐसा जो याद न आए तेरी,
सोचना भी न पड़े एक पल को भी तुमको।
निगाहें लगी रहती है आंगन पे,
कि कब आओगे तुम और कह दो  कुछ हम को।
तुम्हारी नजरों की जुबान भी पढ़नी चाही हमने,
मगर हर तरफ खामोशी ही खामोशी दिखी हम को।
क्यों इस कदर तड़पाते हो हमें,
सुना है ऐसे नहीं हो तुम तो।
यादों ने ही बर्बाद कर दिया मुझे,
पा तो हम कभी भी न पाए तुमको
277 28 April 1991
Rockte Rehte Hain Khud Ko ,Tujhe Yaad Karne Se,
Is tereh bhi toh tum Khayalo Mein Rehte Ho.
Kya Kare Aisa Jo Yaad Na Aaye Teri,
Sochna Bhi Na Pade Ek Pal Ko Bhi Tumko.
Nigahen Lagi rehti hai Aangan se,
Ki Kab Aaoge Tum Aur Kuch Keh Doge Humko.
Tumhari Nazron ki Zubaan bhi padhni chahi Humne,
Magar Har Taraf Khamoshi hi Khamoshi Dikhi Humko.
Kyun Is Kadar Tadpaate Ho Hame,
Suna hai aise nahi ho tum toh.
Yaadon Ne he Barbad kar diya Mujhe,
Paa toh Hum Kabhi Bhi Na Paye Tumko.

Sunday, 16 July 2017

278 मुलाकात (Mulaakaat)

मिले हो तुम मुझे तुम बाद एक मुद्दत,
कहिए क्या करूं मैं तुम्हारी खिदमत।
अंदाज़ बदले लगते हैं तुम्हारे अब,
कहीं तुमने किसी से, दिल तो नहीं लिया बदल।
ऐसा ही है कुछ तो, दे दो मुझे दिल मेरा,
कर डालूँ अब ही, अपने जज़्बात को कत्ल।
तन्हाइयों में हमने गुजारी है यह मुद्दत,
नहीं जानते थे मिलेगी तड़प हमें इसकी कीमत।
खामोशियां तुम्हारी अफसाना बयान करती है,
मेरी हसरतें तूम्हें आखरी सलाम करती है।
राहों में मेरी अब कभी ना आना तुम,
आओगे तुम तो देख पाओगे सिर्फ कफन।
खाक कर देगी तुम्हारी नजरों को मेरे मन की आग,
मत कहना फिर, तुमने बिन दिए मौका,
कर दिया मुझे बर्बाद।
278 28 April 1991
Milay ho mujhe tum baad Ek Muddat,
Kahiye Kya Karoon Main Tumhari khidmat.
Andaz Badle Lagte Hain Tumhare ab,
Kahin Tumne Kisi Se Dil toh nahi liya Badal.
Aisa Hi Hai Kuch To, De Do Mujhe Dil Mera,
Kar Dalu abhi Apne Jazbaat ko qatal.
Tanhaiyon Mein Humne guzari hain yeh Muddat,
Nahin Jante the Milegi Tadap hamie is Ki Keemat.
Khamoshiyan Tumhari Afsana Bayan karti hai,
Meri Hasratain Tumhe Aakhri Salam karti hai.
Rahon Mein Meri ab kabhi na aana tum,
Aaoge toh tum dekh paogi sirf Kafan.
Kakh Kar Degi Tumhari Nazaron Ko Mere Man Ki Aag,
Mat Kehna Phir, Tune Bin Diye Mauka demo Kar Diya Mujhe barbaad.

Saturday, 15 July 2017

222 नहीं जानते दिल का हाल क्या होगा (Nahi Jante Dil Ka Haal Kya Hoga)

वो जो कभी आ भी गए हमारे पास ,
तो नहीं जानते दिल का हाल क्या होगा।
जान पर न बन जाए हमारी,
ना जाने हम कुछ कह भी पाएंगे या नहीं ,
जब उनसे हमारा सामना होगा।
दिल की हालत का क्या कहें,
तन भी साथ तब होगा कि नहीं होगा।
वह जो कभी.........।
अभी तो हम सोचते ही हैं कि उनसे क्या कहेंगे,
जब कभी बात हो गई तो हाल उनके दिल का , नहीं जानते हम क्या होगा।
ज़माने ने जो देख लिया इजहार ए ,इकरार ए मोहब्बत,
 तो इसका अंजाम क्या होगा।
वह जो कभी........।।
यूं तो हरदम रहते ही हैं वो हमारे पास,
यह तो ख्वाब है ,
जो हकीकत से सामना होगा तो हाल-ए-दिल क्या होगा।
हम ना कुछ कहें, वो ही कह दें हाल-ए-दिल।
क्या यही दिल को तब आसरा होगा ।
वह जो कभी...........।।।
क्या सोचे जा रहे हैं यूं ही हम, जो वो नहीं है हमारे पास ,
तो फिर  सोचने से यूं ही दिन रात क्या होगा।
जब वह होंगे नजर के सामने तो हम चुप रहेंगे ,
आंखों से बात होगी और क्या होगा।
वह जो कभी........।।।।
222 11Oct 1990
Wo Jo Kabhi Aa Bhi Gaye Hamare paas To Nahi Jante Dil Ka Haal Kya Hoga.
Jaan Pe Na Ban Jaye Hamari,
Na Jaane hum kuch keh bhi Paaenge ya nahi,
 Jab Tumse Hamara Samna hoga.
Dil Ki Halat ko kya Kahain, Tan Bhi Sath Tab Hoga Ki Na Hoga.
Wo Jo Kabhi ...........
Abhi toh hum sochte Hi Hain ki unse kya Kahenge,
Jab kabhi baat ho gayi to Haal Un Ke Dil Ka, Nahi Jante hum kya hoga.
Zamane Nein Jo dekh liya Izhar e, iqrar e Mohabbat Toh IsKa Anjaam kya hoga.
 wo Jo Kabhi.......
Youn Tuo Herdum Rehte hi Hain wo Hamare Paas,
Yeh Toh Khaab Hai,
 Jo Haqeeqat Se SAamna hoga toh, Haal E Dil Kya Hoga.
Hum Na Kuch Kahain, Wohi Keh dain Haal e dil.
Kya yeahi  Dil Ko Tab aasra hoga.
Wo Jo Kabhi.........
Kya sochai ja rahi hai Yu Hai Hum.
Jo wo Nahi Hai Hamare Paas,
 Toh Phir Sochne Se Yuhi ,Din Raat kya hoga.
Jab wo Honge Nazar Ke Samne ,
TAb hum Chup Rahenge ,
Aankhon se baat Hogi aur kya hoga.
Wo Jo Kabhi.......

Friday, 14 July 2017

221 उनके लिए कुछ भी करेंगे(Unke Liye Kuch Bhi Karenge)

संग जिधर वह चलें, वही चलेंगे।
वह कहें तो हम जान भी दे देंगे।
उन्हीं के लिए जी रहे हैं हम इस जहान में।
उन्ही के लिए ,मर भी लेंगे।
आंसुओं की लड़ियां जो पिरोई हैं हमने।
उन्हें हम ऐसी लड़ियां नहीं देंगे।
यह खजा़ना हमारे पास ही रहे तो बेहतर।
उन्हें  हम हंसी की ही सौगात देंगे ।
उन्हें कोई दुख न हो राह में चलते चलते।
इसलिए सदा हम उनके साथ बन ढाल चलेंगे।
221 11Oct 1990

Sang Jidher veh  chalain ,wahi Chaleayenge.
Veh Kahin To Hum jaan bhi De Denge.
Unhe ke liye Jee Rahe Hain Hum, Iss Jahan Mein.
Unhe ke liye Mar bhi Lenge.
Aansuon ki ladiyan Jo Peeroi  Hain Humne.
unhain Hum Aisi Ladiyan nahi Denge.
Yeh Khazana Hamare Paas Hi Rahe To Behtar.
Unhain hum Hasi ki Hi saugat Denge.
Unhain Koi Dukh Na Ho Raah Mein Chalte Chalte.
Isliye Sada Hum Unke Saath ban dhaal Chalenge.

Thursday, 13 July 2017

220 मोहब्बत की डगर (Mohabbat Ki Dagar)

आसान तो नहीं है मोहब्बत की डगर यह जानते हैं हम।
फिर भी देखिए किस शान से हम बढ़ा रहे हैं कदम।
इस जन्म में जो तुझे ना पा सके, तो हम फिर लेंगे नया जन्म।
आज जो ना तुम बन पाई हमारी, तो कल बना लूंगा मैं तुम्हें अपना सनम।
 साथ आ जाओ बुलाता हूं मैं, बन जाओ मेरे तुम हम कदम।
छोड़ो दुनिया की बातों को, आज तुम खा लो प्यार की कसम।
कह दो दुनिया रूठे तो रूठे, मगर छोड़ेंगे ना तेरा साथ हम।
220 11Oct 1990
Aasaan To Nahi Hai Mohabbat Ki Dagar Yeh Jante Hain Hum.
Phir Bhi dekhiye kis Shaan Se Hum Bada Rahe Hain Kadam.
Is Janam Mein Jo Tujhe Na Paa sake Toh , Hum Phir Layenge Nya Janam.
Aaj jo  Na Tum Bun Paai Hamari toh, kal Bana Loonga main tumhe Apna Sanam.
Saath aa jao bulata Hoon Main, Ban Jao Meri Tum Hum Kadam.
Chodo Duniya Ki Baaton ko aaj Tum Khalo Pyar Ki Kasam.
Keh do Duniya Ruthe To Ruthe, Magar Chodenge Na Tera Saath Hum.

Wednesday, 12 July 2017

219 आसरा तेरे प्यार का(Aasra Tere Pyaar Ka)

आसरा जो मिल जाए मेरी मोहब्बत को, तेरे प्यार का।
तो दिखा दूं क्या है मोहब्बत दुनिया को मुझे खुदा का वास्ता।
मेरे साथ जो कदम मिला ले तू अपने इस सफर में,
तो हर मंजिल तय कर लूं इस धरती पर, इस गगन में।
जमाने को फिर मैं ना देखूं, बस तेरा ही मुझे ध्यान हो।
साथ जो तू मेरे चले हमसफर बनकर, तो हर सफ़र आसान हो।
219 11 Oct 1990

Asara Jo Mil Jaye Meri Mohabbat Ko Tere Pyar Ka.
TOh dikha du kya hai mohabbat Dunia Ko, Mujhe Khuda Ka wasta.
Mere Saath Jo Kadam Mila Le Tu Apne is Safar Me.
Tohar Manzil Taye Kar Lun Is Dharti Pe, is Gagan mein.
Zamane Ko Phir Main Na Dekhun Bas Tera Hi Mujhe Dhyan Ho.
Saath Jo Tu mere Chale Humsafar Banke Tuo har safar Aasan Ho.

Tuesday, 11 July 2017

218बस तेरी ही तमन्ना है मुझे(Bas Teri Hi Tamanna Hai Mujhe)

बस एक तेरी ही तमन्ना है मुझे,
है मुझे, तेरी ही बस जुस्तजू।
तू रहे कहीं भी तन से मगर,
मन से रहती है मेरे ही पास तू।
जाने वफा तू ना जान पाई मुझे,
तो क्या ,कभी भी ना जान पाएगी तू।
काश, मेरी मोहब्बत को तू जान पाती,
तो इस इंतजार का सिला तो मुझे देती तू।
काश, जान पहचान पाती मेरी तमन्ना,
काश, तू जान पाती ,मेरी जुस्तजू।
218 11Oct 1990
Bas Ek Teri Hi Tamanna Hai Mujhe,
Hey Mujhe Teri he Bus just ju.
Tu Rahe Kahin Bhi Tan se Magar,
Man Se rehti hai mere paas hi tu.
Jaane Wafa Tu Na Jaan Paaie Mujhe,
Toh Kya, Kabhi Bhi Na Jaan payegi to.
Kaash Meri Mohabbat Ko Tu Jaan paaty,
To Is Intezar Ka Sila to Mujhe deti tu.
Kaash Jaan paty Meri Tamanna,
Kash, Tu Jaan paaty Meri justju.

Monday, 10 July 2017

217 मतलबी यार (Matlabi Yaar)

युँ तो उन्होंने साथ मेरा छोड़ दिया है,
पर काम पड़ता है तो, रुख हमारी तरफ कर लेते हैं।
यूं तो आना हमारे दर पे छोड़ दिया है,
पर काम पड़ता है तो रुख घर की तरफ कर लेते हैं।
दिखाते हैं वह कि उनमें है ताकत खुदगर्जी की
फिर क्यों काम पड़ता है तो रुख हमारी तरफ कर लेते हैं।
हम सोचते थे कि वही है जो हमें समझते हैं,
मगर, वो तो मतलब पूरा ना होने पर मुंह फेर के चल देते हैं।

217 4 Oct 1990
Youn Toh Unhone Saath Mera Chod Diya Hai,
Per Kaam padta hai tu rukh Hamari Taraf kar lete hain.
Youn too AaNa Hamare Dar pe Chod Diya Hai,
Pee Kaam padta hai tu rukh Ghar ki taraf kar lete hain.
Dikhate hain woh ki Unmein hai takat khudgarji ki
Phir Kyon Kaam padta hai tuo rukh Hamari Taraf kar lete hain.
Hum sochte the ki wahi hai jo humain samajhte hain,
Magar, woh toh matlab pura na hone par Muh Pher Ke Chal Dete Hain.

Sunday, 9 July 2017

216 कभी वो दिन भी आएगा (Kabhi Woh Din Bhi aayega)

कभी वो दिन भी आएगा , जब मेरी मोहब्बत को तू पहचान पाएगी।
जमाने से ले लूँगा तुझे, दुनिया तेरे कदमों में नजरें  बिछाएगी।
विश्वास है मुझे, तू कभी तो जिंदगी का मेरी, चमन महकाएगी।
आज नहीं तो कल, दुनिया को होगा इंतजार हमारा।
शाम वो भी देखेगी दुनिया, जब तेरी चांदनी, संग मेरे ,महफिल को चमकाएगी।
कभी न कभी तो ये दुनिया तेरे कदमों में नजरें बिछाएगी।
216 3Oct 1990
Kabhi Woh Din Bhi aayega Jab Meri Mohabbat Ko Tu Pehchan Payegi
Zamane Se Le Lunga Tujhe, Duniya Tere Kadmo me Nazrain bichayegi.
Vishwas Hai Mujhe, Tu Kabhi Toh Zindagi Ka Meri , Chaman Mehakaayegi
Aaj Nahi To Kal Duniya Ko Hoga Intezar Hamara,
Sham Voby dekhegi Duniya, jab teri Chandni, Sang Mere, Mehfil Ko Chamkaaegi.
Kabhi Na Kabhi Toh Ye Duniya Tere Kadmo Mein Nazrain bhicjayegi.

Saturday, 8 July 2017

216 इंतजार (Intezar)

ए जाने वफा़, तेरी राह में बैठे हैं नज़रें बिछाए।
कि जब तू आए , हम हाल ए दिल तुमको सुनाएं।
काश, कि तू मेरा दर्दे दिल जान पाती।
मेरे दिल में अपने प्यार की गहराई नाप पाती।
गहरा समुद्र है मेरा दिल , लहरें उठ रही हैं।
तूफान बढ़ गया है, नज़रें दुःख रही हैं।
तेरे इंतजार ने बहुत तड़पाया है मुझे।
काश, अपना प्यार में दिखा पाता तुझे।
आवाज़ देकर भी तुझे नहीं हूँ बुला पाता ।
जमाना है बीच में ,आवाज जो देता, क्या-क्या तो ये बातें बनाता।
तेरी रुसवाई हो ,यह नहीं है मंजूर मेरे दिल को।
चाहे उठ के तन्हा ही आना पड़े मुझे ,छोड़ भरी  महफि़ल को।
215 3 Oct 1990
E' Jane Wafa Teri Raah Mein Baithe Hai Nazrein bichaye,
Ki Jab Tu Aaye ,Hum Haal e dil Tumko Sunaye
Kaash Ke Tu mera Dard e Dil Jaan paaty.
Mere Dil Mein Apne Pyar Ki gehrai naap Paaty.
Gehra Samuder Hai Mera Dil ,Lahar ain Uth rahi hain.
Toofan bad gaya hai , Nazrain dukh rahi hain.
Tere Intezar nein bahut tadpaya hai mujhe.
Kash Apna Pyaar Mein dikha Pata Tujhe.
Aawaz Deke bhi tujhe nahi Hun Bula pata.
Zamana Hai beech me, Awaaz Jo Deta ,To Kya Kya  Yeh Baatein banata.
Teri ruswaai ho Ye nahi hai Manjoor Mere Dil Ko.
Chahe Uthke Tanha Hi Aana Padega Mujhe ,Chod Bhari Mehfil Ko.

Friday, 7 July 2017

214 मुंह फेर लेते हैं (Muh pher laite Hain)

गम का इक राज़ है जो शायद ,
गम देने वाले भी नहीं जानते।
एक नज़र देख कर मूँह फेर लेते हैं ,
दिल का आलम ही नहीं जानते।
शाम ढलती है ,दिल मचलता है,
जब उन्हें देखते हैं ,दिल ज़रा संभालता है।
एक नज़र देख कर वह मुंह फेर लेते हैं ,
तो दिल बड़ा जलता है।
मोहब्बत हो गई है हमें उनसे,
हम कुछ कर भी नहीं सकते।
इक नज़र देख कर वह मुंह फेर लेते हैं ,
और हम उन्हें कुछ कह भी नहीं सकते।
शायद, डर है जमाने का उन्हें भी, हमें भी ,इसलिए वह इधर रुख नहीं करते।
इक नज़र देख को वह मुंह फेर लेते हैं,
होंसला वो क्यों नहीं करते।
मोहब्बत शायद उन्हें भी है पर,
 वह इसकी बेकरारी नहीं पहचानते।
एक नजर देख कर मुंह फेर लेते हैं ,
शायद प्यार का मतलब ही वो नहीं जानते।
214 3 Oct 1990
Gum ka Ek Raaz Hai Jo Shayad Gum Dene Wale Bhi Nahi Jaante.
Ek Nazar Dekh Kar Wo Muh pher laite Hain, Dil Ka Aalam Hi Nahi Jante.
Shaam dhalti Hai, Dil machalta Hai ,Jab Unhain dekhte hain, Dil Jara sambhalta hai.
Ek Nazar Dekh Kar Wo Muh Pher laite Hain, Toh Dil Bada Jalta Hai.
Mohabbat Ho Gayi Hai Hame Unse, Hum Kuch Kar Bhi Nahi Sakte.
Ek Nazar Dekh Kar Muh fer late Hain ,aur Hum Unhe kuch kehBhi Nahi Sakte.
Darr hai zamaane ka Unhain Bhi , Hame bhi , isliye vo idhar rukh nahi karte.
Ek Nazar Dekh Kar ve muh Pher lete hain, Honsla vao nahi karte.
Mohabbat Shayad Unhain Bhi hai, par Vo Iski bekarari nahi Pehchante.
Ek Nazar Dekh Kar muh pher late Hain,Shayad Pyar Ka Matlab Hi Nahi Jante.

Thursday, 6 July 2017

213 ये दिल तुझसे प्यार करता है (Dil Tujhse Pyar karta hai)

तेरी गली से गुजरूँ तो शूल सा  लगता है।
मेरी बदली हुई आंखों से जैसे  तीर सा चलता है।
फिर भी ना जाने क्यों तुझे पाने को दिल मचलता है।
तेरी याद में ये दिल सारी सारी रात जलता है।
तभी तो ये भड़क उठता है जब सि्तम तेरी याद करता है।
मोम कर दे तेरे दिल को यही खुदा से फरियाद करता है।
क्यों इस मासूम में तुझ जैसे बेरहम का प्यार पलता है।
जो कभी प्यार नहीं देता बस वार  करता है।
तुम चाहे जितने करो सि्तम,
चाहे जितने भी दो गम,
चाहे जितनी करो दिल पे जख्म,
फिर भी ये पाकर रहेगा तुझे आज यह दावा करता है।
क्योंकि ये दिल तुझसे दिललगी नहीं प्यार करता है।
और सिर्फ प्यार करता है।
213 18 Sept 1990
 Teri Gali Se guzro to ek shool Sa lagta hai.
Teri Badli me Aankon ke jaise Teer Sa chalta hai.
Phir Bhi Na Jaane Kyun Tujhe paane Ko Dil machalta Hai.
Teri Yaad Mein Ye Dil Sari Sari Raat jagata Hai.
Kabhi Toh Yeh Bhadak  Uthta Hai Jab Sitam Tere Yaad karta hai.
Mom ker De Tere Dil ko ,Yehi Khuda Se PhriYaad karta hai.
Kyon Is Masoom Mai Tuj Jaise BeRahem Ka Pyar Palta Hai.
Jo Kabhi Pyar Nahi deta, bas War pe War karta hai.
Tum Chahe Jitne karo Sitam,.
Chahe jitni bhi do Gum,
Chahe jitne karo Dil Pe Zakhm,
Phir Bhi Ye Pakar raheg tujeh  Aaj Ye Dawa karta hai.
Kyunki Yeh Dil Tujhse Dil -Lagi nahi, pyar karta hai.
Aur sirf pyar karta hai.

Wednesday, 5 July 2017

K3 00189 किसको दोष दें हम (Kisko Dosh Dain Hum)

क्या हालत हो गई है तेरी,
किसको दोष दें हम।
वक्त को, खुदा को, जमाने को, या तुझको।
किसी की नासमझी का नतीजा है ये,
कौन हारा है बाज़ी, कौन जीता है ये।
बिन बात के यूँ ही भटकना,
कहाँ का सलीका है ये।
क्यों मौत के पीछे भाग रहे हो,
नहीं जानते आदमी जिंदगी कैसे जीता है ये।
ग़म को अपने पीछे लगाता है ,
फिर ग़म भुलाने के लिए पीता है ये।
अपने साथ दूसरों की दुनिया को भी गमगीन बनाता है।
इंसान के रुप में चीता है ये।
इसमें कोई किसी का गुनाहगार नहीं।
खुद उसकी नासमझी का नतीजा है ये।
खुद अपने गम छुपा कर दूसरों के ग़म को,
आँसू के धागों से सीता है ये।
189 4May 1990
Kya Halat Ho Gayi Hai Teri .
Kisko Dosh Dain Hum.
Wakt ko,
 Khuda Ko ,
Zamane ko
 Ya Tujhko.
Kisi Ki Nasamjhi Ka Natija Hai Ye.
KOn Hara hey Bazi , Kaun Jeeta hai ye.
Bin baat ke Yunhi  bhatakna,K ahan ka Salikaa  hai ye.
KYoun Maut Peeche Bhag rahe ho,
Nahi Jante Aadmi Zindagi kaise zita hai ye.
Gum ko apne Peeche Lagata Hai,Phir Gam Bhulane ke Liye Peeta hai ye.
Apne s ath Dusron Ki Duniya Ko Bhi Gumgeen banata hai,  Insaan ke roop Mein cheeta hai ye.
Isme Koi Kisi Ka gunehgaar Nahi.
Khud Uski Nasamjhi Ka Nateeja Hai Ye. Khud Apne Gum Chhupa ker doston Ke Gumko aanson ke Dhaagon Se Sita hai ye.

Tuesday, 4 July 2017

K3 00188 सोचा न था (Socha Na Tha)

देख उनको  ऐसी हालत में हम तो सहम गए।
सोचा न था कि वह भी हमारी तरह यूँ गम से घिरेंगे।
जिस दर्द को हम सह रहे हैं वह भी उसको सहेंगे।
चाहते तो नहीं थे उनका भी सामना हो ऐसे हालात से।
मगर ,कौन बच सकता है वक्त की चाल से।
हम तो जोश ए खरोश से भरपूर थे, सह गये।
वो कमज़ोर थे, दम कम था, उनके होश रह गए।
बेहोश जब वो थे, तो उनको क्या खबर, कि क्या हो रहा है।
उनके लिए तो जैसे सारा जहान सो रहा है।
हमने उनका हौंसला बढ़ाया, कहा हँस कर मुकाबला करो।
हालात की आँधियाँ तो चलती रहेंगी, इनसे न डरो।
जो तुम चाहते हो वही करो।
मगर ,जब भी करो लग्न और जोश ए-खरोश से करो।
188 4May 1990
Dekh Unko youn Aise Halat Mein Hum To Sehum Gaye.
Socha Na Tha ki woh bhi Hamari Tarah Yun Gum Se Ghirenge.
Jis Dard Ko Hum Seh Rahe Hain, Woh Bhi Usko Sahenge .
Chahte toh nahi the ki UnKa bhi SamNa Ho Aise  Halaat se.
Magar Kon buch sakta hai Wakt ki Chaal Se.
Hum To Josh e kharosh Se bharpur The, Seh Gaye.
Wo kamjor The, Dum Kum  Tha, Unke Hosh Reh Gaye.
Behosh Jab Woh The toh unko kya khabar ki kya ho raha hai.
Unke liye Toh Jaise Sara Jahan so raha hai.
Hum Ne Unka Hosla badhaya, kaha Hanskar muqabla karo.
halat ki Aandhiyan toh Chalti Raheti Hain in Se Na Daro.
Jo Tum chahte ho wahi karo.
Magar, Jb Bhi karo Lagan Or Josh e Kharosh se Karo. 

Monday, 3 July 2017

K3 00187 तूने सुनी मेरी दुआ (Tune Suni Meri Dua)

तूने सुनी मेरी दुआ, तेरा शुक्र गुजार हूंँ मैं।
माफ़ कर देना मुझे, तेरा गुनहगार हूंँ मैं।
तंग आ गया था मैं इससे, क्या करता।
तू जानता है फिर भी, तुझसे ही प्यार हूँ करता मैं।
आंँखों की नींद दिल का चैन चला गया था।
तुझसे ही क्या, खुद से  दूर हो गया था मैं।
करीब तेरे रहता, तो भी कोई बात न थी।
मगर वो तो अमावस से भी काली रात थी।
चलो हो गया अब, जो होना था।
हमको यूंँ ही कुछ पल घुटना और रोना था।
यही शायद हमारी खुशी की शुरुआत थी।
कट गई अब, जो काली रात थी।
सुन ली तूने, जो मेरी फ़रियाद थी।
ए ख़ुदा मुझे तुझसे यही आस थी।
187 1May 1990
TuNe Suni Meri Dua Tera Shukar Guzar Hoon Main.
Maaf kar dena mujhe Tera gunehgar Hoon Main.
Tongue Aa gaya tha main isSe Kya Karta.
Tu Jaanta Hai Ki Main Tujse Pyar Hun Karta.
Aankhon kee Neend Dil Ka Chain chala gaya tha.
Tujhse Hi Kya Main Khud Se Dur chala gaya tha.
Kareeb Tere rehta toh Bhi Koi Baat Na Thi.
Magar Vo toh Amavas Ki Kaali Raat Thi.
Chalo ho gaya ab Jo Hona Tha.
Humko Yun Hi kuch Pal Gutt-Na aur Rona tha.
Yahi Shayad Hamari Khushi ki shuruaat thi.
Kat Gayi Ab Jo Kali Raat Thi.
Sun ly Tune, Jo Meri Fariyad thi.
Aye Khuda Mujhe Tujhse Yahi aas Thi.

Sunday, 2 July 2017

K3 00186 ए जमाने तेरे स्तिम (Aye Zamane Tere Sitam)

ए ज़माने तेरे स्तिम देख लिए,
तूने किस तरह दो दिल जुदा कर दिए।
तूने न मुझे मिलने दिया तो क्या,
ख़ुदा का दर तो है खुला।
ज़माने का दिल छोटा है तो क्या,
ख़ुदा का दिल है बहुत बड़ा।।
मोहब्बत की हो तो कोई जाने ये क्या है,
दो प्यार करने वाले जहाँ मिलते हैं ,कह देते हैं खता है।
कभी तो दिमाग के साथ दिल से भी सोचो,
क्या हो जो यही तुम्हारे साथ भी हो।
कर दे अब तो यह स्तिम बंद,
क्या पता कल तुम्हारे साथ भी यही हो, जो तुम लो नया जन्म।
186 29 April 1990
Aye Zamane Tere Sitam dekh liye,
TuNe Kis Tarah Se Do Dil Juda kar Diye.
TuNe Na Unhain Milne Diya Toh Kya,,
Khuda Ka Dar To Hai Khoola.
Zamane Ka Dil Chota Hai To Kya,
Khuda Ka Dil Toh Hai Bahut Bada.
Mohabbat Ki Ho To Koi Jaane ye kya hai,
Do Pyar Karne Wale Jab Milte Hain, keh dete hain Ye Khata Hai.
Kabhi Toh dimaag k Saath Dil Se Bhi Socho,
Kya Ho Jo yahi tumhare saath bhi ho.
kar de ab tu yeh Sitam  band,
Kya pata kal tumhare saath bhi Yahi ho Jo 

Saturday, 1 July 2017

K3 00185 सुन मेरी दुआ (Sun Meri Duaa)

इन आंँसुओं का मैं क्या करूंँ जो बह रहे हैं।
सुन ले ओ खुदा क्या यह तुझसे कह रहे हैं।
दिल रो रहा है आँखें रो रही हैं,
क्या हो रहा है, क्या तुझे ख़बर ही नहीं है।
कुछ बोलता क्यों नहीं,
राज़ खोलता क्यों नहीं।
ज़माना किस तरह नज़र उठाए देख रहा है,
किस तरह भरे दिन में अँधेरा हो रहा है।
खिला चेहरा किस तरह मुरझा रहा है,
ए खुदा देखता क्यों नहीं तुझे क्या हो गया है।
क्या पुकार मेरी तेरे तक नहीं पहुँचती,
क्या सोच तेरी इस बारे में कुछ नहीं बोलती।
मेरी हालत तो देख ले,
चाहे जो सजा तू दे दे,
 प यू न सता मुझे,
खता क्या है मेरी ये बता मुझे।
185 29 April 1990
Un Aasuon Ka Mein Kya Karun Jo Beh rahi hai,
Sun le O Khuda kya Yai Tujhse Keh Rahe Hain.
Dil Ro Raha Hai, Aankhen Ro rahi hain,
Kya ho raha hai kya tujhe Khabar Nahi Hai.
Kuch Bolta kyun nahi,
Raaz kholta kyun nahi.
 Zamana Kis Tarah Nazre Uthaye dekh rha raha hai,
Kis par hai bhare Din Mein Andhera Ho Raha Hai.
Khila Chehera kis Tarha Murjha raha hai,
Aye Khuda Dekhta kyu nahi Mujhe Kya Ho Gaya Hai.
Kya Pukar Meri Tere Tak Nahi Pahunchati,
Kya Soch Teri is baare mein kuch nahi bolti.
Meri Halat toh dekh le,
Chahe Jo Saja De le,
Per youn na Sta Mujhe,
Khata Kya Hai Meri, Bata De Mujhe.