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Monday, 7 August 2017

K3 00159 करें कभी हमारी भी तारीफ़ वो (Karain Kabhi Hamari Bhi Tareef vo)

उनके लब से सुनकर तारीफ़ किसी और की।
दिल मेरा बहुत जलता है।
करें कभी तारीफ हमारी भी वो ।
दिल मेरा मचलता  है।
वो तो हमारी ओर कभी रुख़ करते ही नहीं।
हमारा तो हर दिन उनके ही मुख देख से निकलता है।
काश, वो हमारी मोहब्बत को जान पाते।
किस तरह उन्हें देख हमारा मन पिघलता है।
ज़माना जानता है हमें उनसे मोहब्बत है।
एक उनको ही ख़बर नहीं।
उन्हें दे पाएं कभी पैगाम ए मोहब्बत।
हमारा तो चलता जोर  नहीं।
159 30 Jan 1990
Unke Lab Se Sunkar Tareef Kisi Aur ki.
Dil Mera bahut Jalta Hai.
Karain Kabhi Hamari Bhi Taeef vo.
Dil Mera Machalta (karta )hai.
Vo to Hamari or kabhi rukh Karte Hi Nahin.
Hamara to har din Un key hi Mukh Se nikalta Hai.
Kaash ,Woh Hamari Mohabbat Ko Jaan paatay.
Kis Tarah Unahain dekh Hamara Man Pigalta hai.
Zamana Janta Hai Hame unse Mohabbat Hai.
Ek UnKo Hi Khabar Nahi
Unhain De Paayain Kabhi paigham E Mohabbat.
Hamara To Zor Chalta Nahi.

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