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Wednesday, 16 August 2017

K3 00184 खता तो बता दे (Khata toh bata de)

आज दिल नहीं करता मेरा बात करने को किसी से।
दिल की हालत ऐसी है जैसे दिल लग गया हो किसी से।
हालत पर मेरी ऐ खुदा तुझे रहम आता नहीं।
दर्द ऐसा लगा है मेरे दिल को के दूर जाता नहीं।
इसकी कुछ तो दवा होगी मालिक मेरे।
क्यों सताता है, क्या हम बंदे नहीं तेरे।
मेरी तमन्ना जो है, वो घुटती नज़र आती है।
नाव मेरी किनारे लगने से पहले डूबी जाती है।
आसान सा काम मुश्किल बना जा रहा है।
बोल क्या तुझे मेरा दर्द नज़र नहींआ रहा है।
कितनी खुशी से मंजिल तय की थी मैंने अपनी जिंदगी की।
शुरू करने से पहले सफ़र, दिल से बंदगी की।
सर पर तेरा साया चाहा था अपने।
क्यों इस तरह बिखर रहे हैं मेरे सपने।
क्या कोई खता की है या किसी से धोखा किया है ?
अगर नहीं, तो क्यों तुमने मुझे यह गम दिया है ?
हर पल तेरा ही नाम जुबान पर रहा है मेरी।
फिर क्यों मेरे दिन हुए सूने, और रातें अँधेरी।
कैसे नियम बनाता है तू अपने बंदों के लिए।
जो करें खता रहें खुश, और तेरे बंदे  यूँ जिएं।
मेरी खता तो बता दे मेरे दाता।
कहाँ गलत हूँ मैं यह मुझे नजर नहीं आता।
भूल क्या हुई है, मुझको वो बता दे।
भूल की है तो चाहे, फिर तू कोई सज़ा दे।
कबूल कर लूंँगा मैं हँस कर।
लेकिन ये बिन वजह जुल्म बंद कर।
अगर भेजा है तूने यहाँ मुझे।
तो जीने दे दूसरों की तरह मुझे।
कह दे तू तो तेरा नाम न लूँ मैं।
हर खुशी जो झूठी है थाम लूँ मैं।
ज़माने के साथ चलने को कह दे तू तो संग चल दूँ।
या ज़माने के सारे नियम भंग कर दूँ।
क्या इच्छा है मालिक मेरे तू बता दे।
अब जो चाहे देनी है सजा़ दे।
कबूल है मुझे तेरी हर सजा़ और दवा।
मगर अपनी छाया में मुझे दे दे, थोड़ी सी  जगह।
184 29 April 1990
Aaj Dil Nahi Karta Mera baat karne Ko Kisi Se.
Dil Ki Halat aiesi hai Jaise Dil-lagi Ho Gayi Ho Kisi Se.
Halat pe Meri Aye Khuda Tujhe Reham Nahi Aata.
Dard aisa Laga Hai Mere Dil Ko k Dur Nahi Jata.
Iski Kuch Toh Dawa Hogi Malik Mere.
Kyon Sataata hai, kya Hum Bande nahi tere.
Meri Tamanna Jo hai wo Ghut-ti Nazar Aati Hai.
Naav meri Kinare LagNe Se Pehle Dhobi Jaati Hai
Assan Sa Kaam Mushkil Bana Ja Raha Hai.
Bol kya tujhe Mera Gham Nahi Nazar Aa Raha Hai.
Kis Khushi Se Manzil Tae Ki Thi Maine Apni Zindagi Ki.
Shuru karne se pahle Safar, Dil Se Teri Bandgi ki.
Sar Pe Tera Saya Chaha Tha Apne.
Kyu Is Tarah bikhar Rahe Hain Mere Sapne.
Kya koi Khata Ki Hai Ya Kisi Se Dhoka Kiya Hai.
Agar nahi toh Kyun tune mujhe ye Gham Diya Hai .
Har Pal Tera hi Naam juban Par Raha Hai Meri.
Phir Kyun mere Din Hue Sune Aur Raatain Andheri.
Kaise Niyam banata hai Tu Apne bandon ke liye.
Jo Kare Khata, Rahe Khush aur Tere Bande Yun Jiyen.
Meri Khata toh bata de mere Daata.
Kahan galat hun mein Ye Mujhe Nazar Nahi Aata.
Bhul Jo Hui Mujhse Woh Bata De.
Bhool ki chahe  jo Bhi Tu Saja de.
Kabool kar lunga mein Hans kar.
Lekin Ye Bin Vajeh Julm band kar.
Agar Bheja Hai Tune Yahan Mujhe.
Tu Jeene De Dusron Ki Tarah Mujhe.
Keh De tu toh Tera Naam Na Lun mein.
Har Khushi Jo Jhooti Ho Tham Loon Main.
Zamane Ke Sath chalne ko keh De tu Toh Sang chal dun.
Yeah Zamane Ke Sare Niyam Bhang kar dun.
Kya Iccha Hai Malik Mere Tu Bta De.
Ab jo chahe deni hai Saza De.
Qubool Hai Mujhe Teri Har Saja Or Dwa.
Magar apni Chhaya Mein mujhe thodi si De De Jagah.

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