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Sunday, 6 August 2017

K3 00160 जुस्तजू मेरी(Justju Meri)

जुस्तजू मेरी थी तुम मुझे चाहो।
पर तुम करते हो मोहब्बत किसी बेगाने से।
राज ए हकीकत मैं अब जान पाया हूंँ।
कि कुछ नहीं होता सिर्फ सपने सजाने से।
छीन लूंँ तुम्हें उस से तो ये तौहीन ए मोहब्बत होगी।
कहाँ हम चैन पाएंगे किसी के दिल में आग लगाने से।
मुकद्दर में मेरे ही शायद तुम्हारा प्यार नहीं था।
अब जान गए हम,
तुम अपने नहीं बेगाने थे।
बिस्मिल (घायल) हुआ मेरा दिल तो क्या हुआ।
राहत मुझे मिली है मरहम गैर के दिल पर लगाने से।
160 31 Jan 1990
Justju Meri Thi To Mujhe Tu CHahai.
Per tum karte ho Mohabbat Kisi Begaane se.
Raz e Haqeeqat Mein Ab Jaan Paaya Hoon.
Ki Kuch nahi hota sirf Sapne SJaane Se.
Agar main tumhe us se Cheenu Toh ye Toheen e Mohabbat Hogi.
Kahan Hum chain Payenge Kisi Ke Dil Mein Aag LagaNe Se.
Muqaddar Mein Mere he Shayad Tumhara Pyar Nahi Tha.
Ab Jaan Gaye Hum, Tum Apne nahi Begane the.
Bismil (Ghayal)Hua Mera Dil To Kya Hua.
Rahat Mujhe Mili Hai MarHum Gair Ke Dil Pe Lagane se.

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