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Thursday, 10 May 2018

Z 552 परिंदा और इंसान

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आकाश की ऊंची उड़ान में उड़ते हुए।
 परिंदों ने एक-दूसरे से आगे बढ़ते हुए।
देखा इंसानो को आपस में लड़ते हुए।
एक दूसरे से पूछा ,यह नीचे इंसान लड़ता क्यों है।
दूसरा बोला, इंसान इंसान नहीं , हिंदू मुसलमान हो गया है।
छोटा परिंदा बोला,  हिंदू मुसलमान  क्या होता है।
 मादा परिंदा बोली जो मंदिर में जाएं हिंदू, जो मस्जिद में जाए मुसलमान।
छोटा परिंदा बोला, हम तो मंदिर पर भी बैठते हैं, मस्जिद पर भी बैठते हैं, फिर भी हम परिंदे ही हैं।
यह इंसान क्यों हो जाता है हिंदू या मुसलमान।
मादा परिंदा बोली हम सब अपनी परिंदगी नहीं भूलते।
इंसान अपनी इंसानियत भूल जाते हैं।
इस धर्म के नाम पर एक दूसरे से टकराते हैं।
धर्म क्या कहता है यह भूल जाते हैं।
 अपने अहम को एक दूसरे के खून से सहलाते हैं।
धर्म का पाठ किसी ने नहीं पढ़ा ।
सब धर्म के नाम पर ही लड़ते जाते हैं।
 यूं ही खत्म ,हो न जाएं कहीं धर्म के नाम पर।
 जबकि धर्म बनाया था किसी ने  कि शांति से जीये इंसान।
न कि खत्म ,हो  जाएं धर्म के नाम पर।
6.33pm 10May 2018

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