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Monday, 29 April 2019

901 जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (Zindagi Milegi Na Dobara)

बहते सागर सी है वक्त की धारा।
जो बीत गया ना आए दोबारा
जो बढ़ गया समय के साथ वह जीता।
जो ठहर गया वो बाज़ी  हारा।

 बहते सागर सी है वक्त की धारा।
 जो चले उसे मिले किनारा।
जो ठहर गया वह डूब गया।
उसका जीवन फिर ना उभरा दोबारा।

बहते सागर सी है वक्त की धारा।
बीच में राहें रोके चाहे पर्वत भारा।
चीर के  पर्वत का सीना,
लहर पा लेती अपना किनारा।

बहते सागर सी है वक्त की धारा।
यह ना कहना जीवन निकला नाकारा।
 जो भी करना ,इस पल कर ले।
 क्योंकि, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा
4.43pm 29 April 2019

Behte Sagar Si Hai Waqt ki dhara.
Jo Beet Gaya Na Aayega Dobara.
Jo Badh Gya Samay ke sath Veh Jeeta,
Jo Thehar Gya, Vo Baaji Hara.

Behte sagar Si Hai Waqt ki dhara.
Jo Chale Use Mile Kinara.
Ji Thehar Gya ,vo Doob Gaya.
Uska Jeevan Phir Na Ubhara dobara.

Behteh Sagar Si Hai Waqt ki dhara.
Beech Me Rhahen Roke Chahe Parvat Bhara.
Chir ke Parvat ka Ceena,
Lehar pa Leti Hai Apna Kinara.

Behte Sagar Si Hai Waqt ki dhara.
YehvNa Kehna JeevanNikla Nakara.
Jo bhi karna, Iss Pall Karle.
Kyunki ,Zindagi Milegi Na Dobara

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