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Tuesday, 30 July 2019

993 मुस्कुराहटें बिखेरते चलो (Muskurahaten Bikherte chalo )

वक्त की कुछ खबर नहीं ,जाने कब कैसा मोड़ ले।
फूलों पर  चलते चलते ,जाने  कब  कांटे जोड़ दे।

मुस्कुराहटें बिखेरते चलो,जिंदगी कटे मुस्कुराते।
राह की दुश्वारियां , न जाने  कब आकर  घेर ले।।

जिंदगी का सफर है, टेढे मेढे ऊँचे नीचे रास्तों का।
घबराना नहीं ,न जाने कब, इसमें खुशियाँ जोड़ दे।।

जिंदगी  की  शाम  तक, यूं  ही  चलते  रहना  है।
यह जिंदगी है तब तलक,जब मौत आकर घेर ले।
6.14pm 30July 2019

Waqt Ki Kuch Khabar Nahin ,Jane Kab Kaisa Mod Le.
Phoolon par Chalte Chalte ,Jane Kab Kaante Jod de.

Muskurahaten Bikherte chalo ,Zindagi kate muskurate.
Rah Ki Dushwariyan Na Jaane kab aa Kar Gher Len.

Zindagi Ka Safar Hai Tede Mede Unche Niche Raaston ka.
Ghabrana nahi, Na Jane Kab isme Khushiyan Jod De.

Zindagi Ki Shaam Tak Yuhi Chalte Rehna Hai.
Yeh Zindagi Hai Tab Talak ,Jab Maut Aake Gher Le. 

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