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Monday, 7 September 2020

1397 बता चैन पाऊं कैसे

 मैं दूर तुझसे बता जाऊं कैसे।

जाऊँ तो बता चैन पाऊं कैसे।


भटक रहा हूँ दिलबर मैं यहाँ वहाँ ।

इस दिल को मैं चैन दिलाऊं कैसे।


राह कोई अब दिखती नहीं मुझको।

दीया कहीं कोई जलाऊँ कैसे।


नाकामियों ने दामन थाम रखा है ।

कामयाबी मैं बता पाऊं कैसे।


अनजान सी लगती है अब हर डगर ।

बता डर अपना मैं मिटाऊँ कैसे।


तु साथ चले तो आसान हो रास्ते ।

बिन तेरे मंजिल बता पाऊं कैसे।


तेरे बिना अंधियारी है हर डगर ।

बता मैं अपना डर मिटाऊँ कैसे।



4.31pm 07 Sept 2020








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