मैं दूर तुझसे बता जाऊं कैसे।
जाऊँ तो बता चैन पाऊं कैसे।
भटक रहा हूँ दिलबर मैं यहाँ वहाँ ।
इस दिल को मैं चैन दिलाऊं कैसे।
राह कोई अब दिखती नहीं मुझको।
दीया कहीं कोई जलाऊँ कैसे।
नाकामियों ने दामन थाम रखा है ।
कामयाबी मैं बता पाऊं कैसे।
अनजान सी लगती है अब हर डगर ।
बता डर अपना मैं मिटाऊँ कैसे।
तु साथ चले तो आसान हो रास्ते ।
बिन तेरे मंजिल बता पाऊं कैसे।
तेरे बिना अंधियारी है हर डगर ।
बता मैं अपना डर मिटाऊँ कैसे।
4.31pm 07 Sept 2020
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