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Saturday 12 September 2020

1402 हमें जीने के बहाने आ गए

 जब जरूरत थी कोई आया नहीं,अब सब बताने आ गए।

अब साथ देने आए हैं सब ,जब मेरे ठिकाने आ गए।


वक्त का पहिया घूमता है जब , बदल जाता है पल में सब 

बीत गए दिन गम के मेरे , खुशी के अब जमाने आ गए।


जब तक था गम कोई साथ नहीं था, याद हैं मुझको वह दिन।

आज जब मैं खुश हूँ तो,क्यों सारे खुशियाँ बँटाने आ गए।


कोई कुछ भी कहे हमें अब,हम किसी की अब ना मानेंगे।

वह दिन गए जब लोग , बातों से हमें बहलाने आ गए।


अब तो पास है मेरे, मेरी ज़मीं और है मेरा आसमान।

अब तो हमारे इस दुनिया में कई कई फसाने आ गए।


अब ना फिक्र है हमें ज़माने के फसानों कि, या बातों की।

हम जो चाहें वही करेंगे  हमें जीने के बहाने आ गए।


9.49m10September 2020

1 comment:

Unknown said...

बहुत खूब संगीता जी,👍👍👍