जब जरूरत थी कोई आया नहीं,अब सब बताने आ गए।
अब साथ देने आए हैं सब ,जब मेरे ठिकाने आ गए।
वक्त का पहिया घूमता है जब , बदल जाता है पल में सब
बीत गए दिन गम के मेरे , खुशी के अब जमाने आ गए।
जब तक था गम कोई साथ नहीं था, याद हैं मुझको वह दिन।
आज जब मैं खुश हूँ तो,क्यों सारे खुशियाँ बँटाने आ गए।
कोई कुछ भी कहे हमें अब,हम किसी की अब ना मानेंगे।
वह दिन गए जब लोग , बातों से हमें बहलाने आ गए।
अब तो पास है मेरे, मेरी ज़मीं और है मेरा आसमान।
अब तो हमारे इस दुनिया में कई कई फसाने आ गए।
अब ना फिक्र है हमें ज़माने के फसानों कि, या बातों की।
हम जो चाहें वही करेंगे हमें जीने के बहाने आ गए।
9.49m10September 2020
1 comment:
बहुत खूब संगीता जी,👍👍👍
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