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काफिया (Qafia) ऊन
(गैर मुरद्दफ गज़ल)
जब से देखा ,मैं हुआ तेरा मजनून(प्यार में पागल)।
हूँ इस बात पे मैं तेरा ऐ खुदा ममनून(कृतज्ञ)।।
तेरी याद में मैं हूँ इतना तड़पा।
बन बैठा बस तेरा मैं अब मजनून( प्यार में पागल)।
पहले था कहाँ ये पता प्यार है कैसा
क्या है इसके अंदर का जी मजमून (विषय)।
इक तो प्यार करो और तड़पो भी तुम ।
है कहाँ से आया ऐसा यह कानून।
11.05am 29 Sept 2020
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