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Wednesday 16 September 2020

1406 गज़ल(Gazal) मुझे भी किसी की जरूरत नहीं है

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काफि़या ( Qafiya)अत

रदीफ (Radeef)  नहीं है

यहाँ पर किसी को जो फुरसत नहीं है।

मुझे भी किसी की जरूरत नहीं है।


मेरी बात को तुम गलत ना समझना।

मेरी भी कोई  यह शिकायत नहीं है।


मगर तुम जो यूँ ही किनारा करोगे

तो यह ही लगेगा कि कीमत नहीं है।


करोगे जो ऐसी खयानत यूँ हमसे।

तो भी पीछे आएं ये भी हालत नहीं है।


अरे छोड़ देंगे वो कूचा जहां पर।

कोई भी जहाँ मेरी इज्जत नहीं है।


रिफाकत तेरी मेरे काबिल नहीं है।

तुझे छोड़ना फिर ये लानत नहीं है।

( रिफाकत friendship) 

(खयानत Dishonest) 

7.00pm 16 September 2020

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