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Tuesday 1 June 2021

1664 भीतर से अमीर कोई क्यों बनना नहीं चाहता

 क्यों नकल करना चाहते हैं सब,

दूसरों की दौलत और शोहरत की।

दूसरों की खुशी को कभी कोई ,

नकल क्यों नहीं करना चाहता ।


सबको चाहत है बाहर से,

बस अमीरों जैसा बनने की ।

भीतर से अमीर कभी,

कोई बनना नहीं चाहता। 


नहीं रहती है बाहरी दौलत ,

सदा एक जैसी कभी ।

भीतर खुशी जबकि ,

कोई छीन नहीं पाता ।


भीतर की सकारात्मकता,

भीतर की ताकत को ।

देखकर अनदेखा करते है ,

उसे,कोई अपनाना नहीं चाहता ।


जब उस ऊपर वाले का साथ है,

उस ऊपर वाले पर विश्वास है ।

उसकी छांव में जो रहता हो।

उस तरह कोई रहना नहीं चाहता।

11.31am 1June 2021

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