दिल की बात हर कोई कहना चाहता,पर सुनना चाहता नहीं ।
करना चाहता सदा मन की, पर दूसरे की बात सहता नहीं।
जो हम तुम हैं समाजिक प्राणी, तो सब की बात सुनो ।
तुम्हारी लाठी देख तुमसे, बात कोई कहता नहीं।
चलता रह तू अपनी धुन में, पर किसी का दिल ना दुखा ।
याद रख..जो करेगा वह भरेगा, पानी उल्टा बहता नहीं।
बहुत हो चुका तेरा मेरा, वक्त आने पर सब यही रहेगा ।
सदा सबका सब कुछ, हरदम यहाँ रहता नहीं।
4.49pm 07 June 2021
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