2122 1212 22
प्यार मैंने ,जो था लिखा खत में ।
याद तेरी पिरो लिखा खत में ।
दूर हालात ने किया हमको,
रोए फिर हम ,जो थे लिखा खत में ।
खत को लिखते हुए बहे आँसू ।
वो स्याही लगा लिखा खत में ।
दूरियाँ दरमियाँ बनी चाहे। ।
फिर मिलेंगे कभी, लिखा खत में ।
खत लगा सीने से ये समझा था ,
पास हो तुम मेरे, लिखा खत में ।
बाँध मजबूरियाँ लिफाफे में,
तेरे घर का पता लिखा खत में।
यूँ लगा लिखके दिल की बातों को
बोझ हल्का हुआ ,लिखा खत में।
10.20am 17 June 2021
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