कौन जाने कब कहाँ रास्ते बदल जाएं।
सीधे रास्ते चलते हुए मोड़ तीखे आ जाएं।।
सोचा हो मिलेगी मंजिल, इस राह पर मुझे,
पर रास्ते में तुम्हारे पस्त होंसले हो जाएं।
देखो
जिंदगी के रास्ते तो हैं ऊँचे नीचे।
सभी से इल्तजा रास्तों से न घबराएं।
जिंदगी की पहेलियां तो है उलझी उलझी,
ले मजा जिंदगी का उन्हें सुलझाएं।
न भी सुलझे कोई पहेली, गम न कर ।
जिंदगी से नई पहेली पूछते जाएं।
5.03pm 30June 2021
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