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Thursday, 10 June 2021

1673 आया नया ज़माना

 आया नया ज़माना।

ज़माना गया पुराना ।

खेलकूद के ढंग है बदले।

मोबाइल पकड़े, गुल्ली डंडे के बदले ।

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

खान-पान का ढंग भी बदला ।

आया पीज्जा़, गया फुलका चकला। 

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

पैदल चलें बस सैर करने को ।

काम को हरदम ,वाहन पकड़ें वो। 

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

गप्पें कोई बैठकर मारता नहीं ।

साथ बैठे भी, होते मोबाइल पर सभी ।

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

बच्चे अनाथ सुना था होते ।

नए नियम समाज के हो गए ।

आज सब बजुर्ग अनाथ हो गए ।

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

अब स्कूल भी पढ़ने नहीं जाना होता ।

ऑनलाइन क्लास है लगाना होता ।

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

घर में रहना है क्या मंगल क्या सोम।

क्योंकि आजकल होता है वर्क फ्रॉम होम ।

आया नया ज़माना ।

ज़माना गया पुराना ।

3.24pm 9 June 2021

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