आया नया ज़माना।
ज़माना गया पुराना ।
खेलकूद के ढंग है बदले।
मोबाइल पकड़े, गुल्ली डंडे के बदले ।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
खान-पान का ढंग भी बदला ।
आया पीज्जा़, गया फुलका चकला।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
पैदल चलें बस सैर करने को ।
काम को हरदम ,वाहन पकड़ें वो।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
गप्पें कोई बैठकर मारता नहीं ।
साथ बैठे भी, होते मोबाइल पर सभी ।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
बच्चे अनाथ सुना था होते ।
नए नियम समाज के हो गए ।
आज सब बजुर्ग अनाथ हो गए ।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
अब स्कूल भी पढ़ने नहीं जाना होता ।
ऑनलाइन क्लास है लगाना होता ।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
घर में रहना है क्या मंगल क्या सोम।
क्योंकि आजकल होता है वर्क फ्रॉम होम ।
आया नया ज़माना ।
ज़माना गया पुराना ।
3.24pm 9 June 2021
No comments:
Post a Comment