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Wednesday, 23 June 2021

1686 Dohe दोहे

 दौलत के पीछे लगा, सारा ये संसार ।

मानव ये सोचे नहीं, जाना है उस पार।।


कोशिश तुम करते रहो, मत मानो तुम हार ।

जीवन में तो कर्म ही, जीने का आधार। ।


आओ कुछ अच्छा करें ,मिलजुल कर हम काम।

पूरा करके ही सभी, लें आखिर  विश्राम।।


राह दिखाएं रहनुमा, देकर हमको ज्ञान ।

 लेकर उनकी सीख हम,बन जाए्ं विद्वान।।

4.38pm 23 June 2021

2 comments:

Unknown said...

शब्दो की तुकबन्दी बहुत ऊत्तम है।आपने कविता की एंडिंग भी पॉजिटिव रखी है।सराहनीय।

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

Thanks ji