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Wednesday, 9 June 2021

1672 Ghazal गज़ल :मजनूं बना दिया तूने

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Qafia : a aa. काफिया अआ

Radeef  diya toone रदीफ़  दिया तूने

पहले मजनूं बना दिया तूने ।

क्यों भला फिर ,दगा दिया तूने ।


हर कोई बेवफा ही होता है।

तोड़ के दिल ,बता दिया तूने।


 तू नहीं अपना, है तू बेगाना।

अच्छा है जो, जता दिया तूने ।


इक झलक अपनी( जो दिखा दी है)को दिखाकर क्यों ।

दिलजले को जला दिया तूने।


मुझको ये रोग इश्क़ का देकर।

मर्ज कैसा लगा दिया तूने ।


तुझको माना जि़यादा रब से था।

 हक ये कैसा अदा किया तूने।

12.58pm 9 June 2021

2 comments:

Ranbir Balwada said...

बहुत ख़ूब

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद जी