प्रेम प्रीत के जाल में, भूल गया सब छोड़ ।
टेडा मेडा रास्ता, इसमें मोड़ ही मोड़।।
प्रीत जो चाहे छोड़ना, पर यह छोड़ न पाय।
फँस गया इस राह में ,कैसे बाहर आय।।
प्रेम प्रीत की बाढ़ में ,डूब गया संसार ।
पर कोई न जान सका, इसका आरा पार।।
प्रीत करो तो डूब के,कोई देख न पाय।
चाहे जो भी देखना ,नज़र न उसको आय।
11.35am 27 June 2021
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