Followers

Sunday, 27 June 2021

1690 Dohe प्यार प्रेम प्रीत (दोहे)

 प्रेम प्रीत  के जाल में, भूल गया सब छोड़ ।

टेडा मेडा रास्ता, इसमें मोड़ ही मोड़।।


प्रीत जो चाहे छोड़ना, पर यह छोड़ न पाय।

 फँस गया इस राह में ,कैसे बाहर आय।।


प्रेम प्रीत की बाढ़ में ,डूब गया संसार ।

पर कोई न जान सका, इसका आरा पार।।


प्रीत करो तो डूब के,कोई देख न पाय।

चाहे जो भी देखना ,नज़र न उसको आय।

11.35am 27 June 2021

No comments: