जंग जिंदगी की जारी है ,
हार जीत का पता नहीं ।
अंत तक जो लड़ेंगे जंग ,
जिंदगी में जीतेंगे वही ।
अपना हौसला जारी रख ,
साँसो की डोर दे उसके हाथ ।
कर्म तू अपना करता चल ,
ऊपर वाला देगा साथ ।
हो जाए जो मन की अच्छा ,
नहीं हुआ तो उससे अच्छा ।
हो सकता है तेरी मंजिल पक्की हो ,
मिलने वाला फल अभी हो कच्चा ।
हार जीत को छोड़ दे तू,
कर्म तू अपना करता चल।
जीवन जी ले खुश होकर के,
उसकी रज़ा में खुश रहता चल।
8.39pm 1 July 2021
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