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Saturday 24 July 2021

1717 चंद्रशेखर आजा़द

 23 जुलाई 1906 को भावराँ गाँव में था चंद्रशेखर का जन्म हुआ।

 पंडित सीताराम तिवारी और माँ जगरानी देवी को तब था बहुत हर्ष हुआ।


प्रारंभिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बीता।

संग आदिवासियों के रहकर धनुष बाण में पाई निपुणता।


 भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के वो वीर स्वतंत्रता सेनानी थे।

 वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के  साथी थे।


गांधी संग असहयोग आंदोलन में भाग लिया, पकड़े जाने पर 'आजाद" उसने नाम बताया।

नंगा कर बेंत की टिकटी से बाँध ,14 वर्ष के बालक को फिर बेंत लगाने का फरमान सुनाया।


जैसे-जैसे बेंत, उसके नंगे तन पर पड़ता था।

उसके मुख से  'भारत माता की जय!' निकलता था।


 1 अगस्त 1925 को काकोरी काण्ड को अंजाम दिया गया। 

इसके बाद वह तो बच निकले  पर,उनके चार साथियों को पकड़ फांसी पर लटका दिया।

( पण्डित राम प्रसाद 'बिस्मिल', अशफाक उल्ला खाँ एवं ठाकुररोशन सिंह को 19 दिसम्बर 1927 तथा उससे 2 दिन पूर्व राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को १७ दिसम्बर १९२७ को फाँसी पर लटकाकर मार दिया गया)


सांडर्स को भगतसिंह संग मार  ,लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया।

चन्द्रशेखर के नेतृत्व में भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट किया।( 8 अप्रैल, 1929)


एक बार धन जुटाने की खातिर मरनासन्न साधू की सेवा कीया,

 पर जब देखा साधु हट्टा कट्टा हो रहा है तब इरादा छोड़ दिया।


अल्फ्रेड पार्क में मित्र सुखदेव राज से मन्त्रणा कर ही रहे थे ।

तभी वहां आ पहुंचे अंग्रेज ,जो उन पर नजर रख रहे थे।

(तभी सी०आई०डी० का एस०एस०पी० नॉट बाबर)  

पीछे-पीछे भारी र्पुलिस भी आ गयी,दोनों ओर से  गोलीबारी हुई।

आजाद को वीरगति प्राप्त हुई और यह दुखद घटना इतिहास में दर्ज हुयी।

(27 फ़रवरी 1931 के दिन घटित )

वहीं अंग्रेजों ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

जब यह घटना सब देशभक्तों तक पहुंची, लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।


चारों और आजाद की जय जय कार कर रहे थे लोग।

और इलाहाबाद की सड़कों पर जुलूस निकाल अंग्रेजों का कर रहे थे विरोध।

इस तरह से लोगों ने इस वीर को अंतिम सम्मान दिया,

16 वर्षों  पश्चात देश आजाद हुआ पर, आजाद भारत को देखने के लिए,

 आजाद तब जिंदा नहीं था।


4.51 pm 23 July 2021

5 comments:

Balbir said...

जय हिंद जय भारत

Ashok Chhabra said...

नमन

Ashok Chhabra said...

नमन

Sangeeta Sharma Kundra said...

धन्यवाद जी

Sangeeta Sharma Kundra said...

धन्यवाद जी