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Saturday 31 July 2021

1724 मुंशी प्रेमचंद

 प्रेमचंद के जीवन पर ,बचपन की स्मृतियों का था प्रभाव ।

बचपन से ही रहा सदा, प्रेमचंद को प्यार का अभाव ।

सात साल की उम्र में, माँ का था छिन्न गया प्यार ।

पंद्रह साल की आयू में ,हो गया था विवाह ।

16 की उम्र हुई तो पिता का छीन्न गया साया।

जीवनसंगिनी संग भी  फिर विवाह ना चल पाया।

बाल विधवा शिवरानी संग फिर ब्याह लिया रचा।

उसके बाद मिली प्रेमचंद को जीवन में नयी राह।

उनकी कहानी, उपन्यासों में उन के साक्षात अनुभव दिखते हैं ।

आसपास के सामाजिक दृष्टिकोण से प्रभावित हो प्रेमचंद लिखते हैं ।

सेवा सदन,प्रेम आश्रम,रंगभूमि, निर्मला,प्रतिज्ञा ,अहंकार।

गबन ,कर्म भूमि ,गोदान ,मंगलसूत्र है उनके उपन्यास ।

300 से अधिक कहानियों की उन्होंने रचना की ।

कई पत्र-पत्रिकाओं में संपादन कर साहित्य की सेवा की ।

फिल्म नगरी में भी प्रेमचंद ने पटकथा का काम किया ।

फिर सब छोड़ के ,लंबी बीमारी के बाद दूसरे धाम प्रस्थान किया।

(जन्म 31 जुलाई 1880 लमही यूपी भारत

मृत्यु वाराणसी यूपी 8 अक्टूबर 1936)

1.20 pm 31 July 2021

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