2122 2122 212
2122 212 , 2122 212
212 212 212
मैं न जानूँ ,कब तेरा मैं हो गया।
देखते- ही देखते मैं , खो गया।
मैं न जानू.........
तुझ में ही खोया रहूँ, तुझ मे हीं डूबा रहूँ।
तू ही नजरों में रहे,होश कुछ भी कब रहे।
देखते ही देखते ,मैं तो पूरा खो गया,
खो गया ,खो गया, खो गया।
मैं न जानू......।
तेरे ही सपने सजें ,तेरी ही यादें पलें।
तुझ में ही खोया रहूँ, तेरे ही अरमां पलें।
याद में खोए खोए, सब मेरा तो खो गया,
खो गया ,खो गया, खो गया।
मैं न जानू......
कर ले अब कुछ तो करम, यूँ ही न बैठेंगे हम ।
पाके तुझको ही तो अब,लेंगे अपने दम में दम।
कुछ कहाँ है अब बचा, जो बचा था खो गया,
खो गया ,खो गया, खो गया।
मैं न जानू......
धुन ; तुम ना जाने किस जहां में खो गए
1.21 pm 30 July 2021
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