2122 2122 2122 212
क्यों है मैंने, उसको चाहा, जो कभी मेरा न था ।
दिल को मेरे तोड़ा उसने ,जैसे दिल ये दिल न था।
क्यों है मैंने उसको चाहा...........।
1,)
जिंदगी को, जब भी चाहा, खेलना खुद के लिए ।
जिंदगी ने, ऐसे ऐसे ,दाग फिर मुझ को दिए ।
क्या मेरा दिल, इक खुशी के भी ज़रा काबिल न था।
क्यों है मैंने उसको चाहा...........।
2.)
प्यार में, उसके था छोड़ा, मैंने सारा ये जहां ।
क्यों भला फिर, उसने लूटा, मेरी खुशियों का जहां।
क्या मेरा यह प्यार उसके ,प्यार के काबिल न था ।
क्यों है मैंने उसको चाहा...........।
3.)
अब तो समझ, ए मेरे दिल, ये जहां तेरा नहीं ।
छोड़ कर तू, इस जहां को, चल निकल जा और कहीं ।
सोचने दे, कौन किसके, फिर यहाँ काबिल न था ।
क्यों है मैंने उसको चाहा...........।
11.46 am 28 July 2021
(धुन दिल लगाकर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज है
इश्क कहते हैं कि प्यार आशिकी क्या चीज है)
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