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Wednesday 28 July 2021

1721 गीत :क्यों है मैंने, उसको चाहा, जो कभी मेरा न था

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क्यों है मैंने, उसको चाहा, जो कभी मेरा न था ।

दिल को मेरे तोड़ा उसने ,जैसे दिल ये दिल न था।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

1,)

जिंदगी को, जब भी चाहा, खेलना खुद के लिए ।

जिंदगी ने, ऐसे ऐसे ,दाग फिर मुझ को दिए ।

क्या मेरा दिल, इक खुशी के भी ज़रा काबिल न था।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

2.)

 प्यार में, उसके था छोड़ा, मैंने सारा ये जहां ।

क्यों भला फिर, उसने लूटा, मेरी खुशियों का जहां।

क्या मेरा यह प्यार उसके ,प्यार के काबिल न था ।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

3.)

अब तो समझ, ए मेरे दिल, ये जहां तेरा नहीं ।

छोड़ कर तू, इस जहां को, चल निकल जा और कहीं ।

सोचने दे, कौन किसके, फिर यहाँ काबिल न था ।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

11.46 am 28 July 2021


(धुन  दिल लगाकर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज है

          इश्क कहते हैं कि प्यार आशिकी क्या चीज है)


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