Followers

Wednesday, 28 July 2021

1721 गीत :क्यों है मैंने, उसको चाहा, जो कभी मेरा न था

 2122 2122 2122 212

क्यों है मैंने, उसको चाहा, जो कभी मेरा न था ।

दिल को मेरे तोड़ा उसने ,जैसे दिल ये दिल न था।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

1,)

जिंदगी को, जब भी चाहा, खेलना खुद के लिए ।

जिंदगी ने, ऐसे ऐसे ,दाग फिर मुझ को दिए ।

क्या मेरा दिल, इक खुशी के भी ज़रा काबिल न था।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

2.)

 प्यार में, उसके था छोड़ा, मैंने सारा ये जहां ।

क्यों भला फिर, उसने लूटा, मेरी खुशियों का जहां।

क्या मेरा यह प्यार उसके ,प्यार के काबिल न था ।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

3.)

अब तो समझ, ए मेरे दिल, ये जहां तेरा नहीं ।

छोड़ कर तू, इस जहां को, चल निकल जा और कहीं ।

सोचने दे, कौन किसके, फिर यहाँ काबिल न था ।

क्यों है मैंने उसको चाहा...........।

11.46 am 28 July 2021


(धुन  दिल लगाकर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज है

          इश्क कहते हैं कि प्यार आशिकी क्या चीज है)


No comments: