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Thursday, 22 July 2021

1715 Ghazal : गज़ल : बेवफाई से वो न हटती है

 2122 1212 22

काफि़या अती, Qafia ati

रदीफ़ है, Radeef Hai

चोट जब दिल पे, कोई लगती है।

आह फिर जोर की, निकलती है।


दिल पे रखता कोई नहीं मरहम।

इसलिए चोट ये न भरती है ।


 कोई सुनता नहीं है दर्दे दिल ।

आग फिर आँसुओं में ढलती है।


जितना भी चाहे ,प्यार करता हूँ।

बेवफाई ,से वो न हटती है ।


रहते हैं दूर दूर वो हमसे।

रूह तन्हा मेरी भटकती है ।


छोड़ दे साथ अब तू मेरा के ।

अब न मुझसे ये शम्मा जलती है।

3.46 pm 3.55 pm 22July 2021

3 comments:

Ashok Chhabra said...

वाह वाह क्या बात है

Ashok Chhabra said...

वाह वाह क्या बात है

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद जी