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Thursday 29 July 2021

1722 :गीत :बता मैंने बिगाड़ा क्या

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अगर तू चाहता मुझको, मैं तेरा हो गया होता।

छुड़ाता अगर न तू दामन, तो दिल ये मिल गया होता।

बता मैंने बिगाड़ा क्या ,

तेरा कोई सहारा क्या ।

तेरा मैं चाहने वाला था,

तुझे अपना ही माना था।

थी दिल की चाह बस इतनी ,तू मेरा हो गया होता ।

अगर तू चाहता मुझको.......।


अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा ,

अभी भी मैं हूँ बस तेरा ।

तू चाहे दिल लगाना जो ,

तू चाहे पास आना तो ।

कि सब कुछ छोड़ के मैं तो ,तुम्हारा हो गया होता।

अगर तू चाहता मुझको.......।

न कर तू देर अब ज्यादा ,

कि मेरा प्रेम है सादा।

 के आजा अब तो बाहों में ,

खड़े हैं तेरी राहों में।

 तेरे आने से, मेरे दिल का, आंगन खिल गया होता।

अगर तू चाहता मुझको.......।

अगर तू चाहता मुझको, मैं तेरा हो गया होता।

छुड़ाता अगर न तू दामन, तो दिल ये मिल गया होता।


(धुन:: मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता)

3.03pm 29 July 2021