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Thursday 8 July 2021

1701Ghazal : गज़ल : मर ही जाते कि बेवफाई से

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काफि़या अर ,Qafia ar

रदीफ़ होती,Radeef Hoti


तुमको भी मेरी कुछ खबर होती।

राह में तुम जो हमसफर होती।


होते जो राजदार तुम मेरे ।

तो न हालत ये दरगुज़र होती ।(उपेक्षित अलग)


 साथ देते जो इस सफर में तुम ।

अपनी इज्जत ये बेशतर होती ।(अधिक)


 गर सहारा तेरा मिला होता ।

इस जहां में न फिर जबर होती ।(अत्याचार)


 साथ तेरा हमें मिला होता ।

पाई मंजिल ये पेशतर होती।( पहले, पूर्ब )


मर ही जाते कि बेवफाई से 

उस खुदा की न जो नजर होती।

1.40pm 08 July 2021

2 comments:

Rashmi sanjay said...

बहुत खूब

Sangeeta Sharma Kundra said...

धन्यवादजी