2122 1212 22
काफि़या आरा Qafia Aara
रदीफ़ है. Radeef Hai
मुझको तो बस तेरा सहारा है।
साथ तेरे ,समां गुजारा है ।
इस कदर छाई है तू तन मन में।
मेरा तन मन, हुआ तुम्हारा है।
दूर जब से, हुई तू ,नजरों से ।
बंद आँखों, से भी निहारा है ।
मैं हुआ हूँ ,जो तेरा दीवाना।
तेरी आँखों का खेल सारा है।
डोलती है यहाँ वहाँ मेरी ,
कश्ती को कब, मिला किनारा है।
लुट गया सब जो पास था मेरे।
जब से अपने, ये दिल को हारा है।
हो गया है, जो इक दफा देखो।
प्यार होता ,न फिर(कहाँ)दुबारा है ।
आज आशिक खड़ा है जो आगे।
कल चमकता हुआ सितारा है।
12.30 pm 13 July
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