तुलसी तो तुलसी भयो, गाई गाथा राम।
रामचरितमानस लिखा, किया राम गुणगान।
जन जन के वह कवि बने ,लिखकर महा आलेख
पंडित सब इर्षा करें , रामचरित को देख।
तुलसीदास ने हस्तलिपि, लिखी मोती समान।
कैलोग्राफी कला का, जैसे रखते ज्ञान ।
पल भर भी सोचा नहीं, जब बोले हनुमान।
चित्रकूट तुलसी चले, दर्शन देंगे राम।
कलयुग पहुँचाने लगा,जब तुलसी को पीर।
विनय पत्रिका लिखकर फिर, त्याग दिया शरीर।
9.30am 31 July 2021
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