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Sunday, 1 August 2021

1725 तुलसीदास

 तुलसी तो तुलसी भयो, गाई गाथा राम।

रामचरितमानस लिखा, किया राम गुणगान।


जन जन के वह कवि बने ,लिखकर महा आलेख

पंडित सब इर्षा करें , रामचरित को देख।


तुलसीदास ने हस्तलिपि, लिखी मोती समान।

कैलोग्राफी कला का, जैसे रखते ज्ञान ।


पल भर भी सोचा नहीं, जब बोले हनुमान।

चित्रकूट तुलसी चले, दर्शन देंगे राम।


कलयुग पहुँचाने लगा,जब तुलसी को पीर।

विनय पत्रिका लिखकर फिर, त्याग दिया शरीर।

9.30am 31 July 2021

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