2122 1212 22
काफि़या : ओली
रदीफ़ : फूलों सी
उसकी बातें हैं बोली फूलों सी।
हर अदा उसकी है झोली फूलों सी।
हर तरफ है रूमानियत होती ।
आती है जब वो भोली फूलों सी।
हर कदम है सहेज के रखती ।
चलती जब पोली पोली फूलों सी।
लफ्ज़ खुशबू बिखेरते उसके।
बोलती जब वो बोली फूलों सी।
हमको भाती है मस्खरी उसकी ।
उसकी होती ठिठोली फूलों सी।
धूम :1.तुमको देखा तो यह ख्याल आया।
2. फिर छिड़ी रात बात फूलों की।
3.15pm 4 Aug 2021
2 comments:
Beautifully written
Thanks ji
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