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Thursday, 5 August 2021

1729 Ghazal : गज़ल :उसकी बातें हैं बोली फूलों सी

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काफि़या : ओली

रदीफ़ : फूलों सी

उसकी बातें हैं बोली फूलों सी।

हर अदा उसकी है झोली फूलों सी।


हर तरफ है  रूमानियत होती ।

आती है जब वो भोली फूलों सी।


हर कदम है सहेज के रखती ।

चलती जब पोली पोली फूलों सी। 


लफ्ज़ खुशबू बिखेरते उसके। 

बोलती जब वो बोली फूलों सी।


हमको भाती है मस्खरी उसकी ।

उसकी होती ठिठोली फूलों सी।

धूम :1.तुमको देखा तो यह ख्याल आया। 

     2.  फिर छिड़ी रात बात फूलों की।

3.15pm 4 Aug 2021