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Wednesday, 18 August 2021

1742 Ghazal : गज़ल : हाथ होता जो माँ का तुझ पर तो

 2122 1212 2😊

काफि़या अर, Qafia err

रदीफ़ होता है ,Radeef Hota Hai

बात का हो ,असर गया होता ।

फिर तू कबका ,सुधर गया होता ।


हाथ होता जो माँ का तुझ पर तो।

तू भी फिर तो निखर गया होता।


बन जो जाता हबीब तू मेरा ।

ये मुकद्दर ,सँवर गया होता ।


तेरे जैसा जो सोचते सारे ।

तो अँधेरा ,पसर गया होता ।


आँख रखती निशाना अर्जुन सा ।

तो सुधर ये हुनर गया होता।


हाल होता न आज ये तेरा ।

चुन जो सच की, डगर गया होता।


तोड़ता तू न जो भरोसा तो ।

चाहे फिर तू जिधर गया होता ।


दिल ये जादू जो कर गया होता।

तुझ पे फिर हो असर गया होता ।

2.53 pm 17 Aug 2021

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