2122 1212 22
काफि़या ऐसा
रदीफ़ है
सब कहें मुझको, तू ऐसा वैसा है ।
तू बता तेरा , हाल कैसा है ।
हाल दुनिया का और है आगे।
पीछे से कुछ ,ये और जैसा है ।
सच की कोई कदर नहीं है अब ।
क्या कहें यह ज़माना ऐसा है।
है यहाँ उसकी ही बढ़ाई बस ।
पास जिसके यहाँ पे पैसा है ।
कोई कर ले बुराई कितनी भी ।
अंत में जैसे, को तो तैसा है।
4.32pm 6 Aug 2021
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