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Sunday 22 August 2021

1746 Ghazal : गज़ल : दाद मिलती है उनको आने पर

 2122 1212 22

काफि़या : आने ,Qafia :Aane

रदीफ़ : पर,Radeef:  par

दाद मिलती है उनको आने पर।

करते हैं वो कमाल गाने पर।


आने-जाने में जिंदगी बीती।

अब तो बैठा हूँ इक ठिकाने पर ।


कोई तो आए बनके अब साथी।

चल पढ़े साथ जो बुलाने पर।


है चला छोड़ सब यहीं पर वो।

जो लगी जिंदगी कमाने पर ।


आइना देख मुस्कुराती थी ।

अब है चुप,.आईना दिखाने पर ।


जिसको चेहरे पे था गरुर बहुत ।(112)

अब है मजबूर वो छिपाने पर ।


2.59pm 19 Aug 2021

To be continued.........