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काफि़या : आने ,Qafia :Aane
रदीफ़ : पर,Radeef: par
दाद मिलती है उनको आने पर।
करते हैं वो कमाल गाने पर।
आने-जाने में जिंदगी बीती।
अब तो बैठा हूँ इक ठिकाने पर ।
कोई तो आए बनके अब साथी।
चल पढ़े साथ जो बुलाने पर।
है चला छोड़ सब यहीं पर वो।
जो लगी जिंदगी कमाने पर ।
आइना देख मुस्कुराती थी ।
अब है चुप,.आईना दिखाने पर ।
जिसको चेहरे पे था गरुर बहुत ।(112)
अब है मजबूर वो छिपाने पर ।
2.59pm 19 Aug 2021
To be continued.........
2 comments:
Great
Thanks
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