विधाता छंद ( राखी)
1222 1222 1222 1222
सजाकर थाल भाई की, कलाई जो सजाई है।
दुआ कर आज राखी से,सजा दी अब कलाई है ।
रहे यूँ ही सदा भाई, बहन का साथ दुनिया में ।
सदा अरदास हे भगवन, यही हमने लगाई है।
लगा टीका पहन राखी, सजा जो आज भाई है ।
बहन ने बांध कर धागा, कलाई जो सजाई है ।
कभी भी आँच कोई अब, न आने दूँ बहन पर मैं ,
सदा ही साथ है भाई, कसम ये अब उठाई है।
*संगीता शर्मा कुंद्रा, चण्डीगढ़*
4.37 pm 22 Aug 2021
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