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Sunday 29 August 2021

1753 गीत :आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ प्यार है

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धुन : आपके हसीन रुख पे आज नया नूर है।


आपकी जो याद है तो जिंदगी बहार है ।

आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ  प्यार है।

आपकी ही याद से तो बड़ रहा खुमार है।

आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ प्यार है।

 

खिलखिलाती जिंदगी जो दे रही सकून है ।

याद तुझको करते हैं तो बढ़ रहा जुनून है ।

एक याद ही, तो जिंदगी में बस शुमार है।

आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ प्यार है।


आओ तुम जो पास तो ये जिंदगी मचल उठे ।

प्यार की बुझी हुई शमा ये फिर से जल उठे ।

आपके ही आने से, तो दिल को हाँ करार है ।

आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ प्यार है।



तू है साथ मेरे तो ये जिंदगी हसीन है ।

आओगे कभी तो तुम, ये मुझको तो यकीन है ।

बस यही तड़प ,लिए ये दिल तो बेकरार है।

आपसे ही आपसे ही मुझको तो हाँ प्यार है।

12.15 pm 25 Aug 2021