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Monday, 9 August 2021

1733 चिपक जाती है मुझसे, जैसे किताबों में फूल

 तनहाई मुझे खूबसूरत लगती है,क्योंकि,

जब तू नहीं होती, तो ये मेरे साथ होती है। 


इसकी खूबसूरती इतनी है कि जब ये पास होती है, 

तो ये मुझे तेरी यादों से अलग नहीं होने देती।


यह जानती है, मुझे तुझ से प्यारा कोई नहीं ,

इसलिए तेरी यादों को मेरे सीने से लगाये रखती है।


चिपक जाती है मुझसे, जैसे किताबों में फूल,

तेरी खुशबू नहीं होती, पर तेरा एहसास होता है।

2.42 pm 9 Aug 2021

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