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Friday, 13 August 2021

1737 गीत : ये बता क्यों तू दुश्मन मेरा बन गया

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मैंने तुझ से कभी दुश्मनी थी न की।

फिर भला क्यों तू, दुश्मन मेरा बन गया।

दोस्ती माना के रास आई नहीं ।

ये बता क्यों तू दुश्मन मेरा बन गया।

मैंने तुझ से कभी दुश्मनी थी न की।

फिर भला क्यों तू, दुश्मन मेरा बन गया।


याद कर तू ज़रा वो समां भी तो था।

 याद करते थे हम, बातें करते थे हम।

 हाथ इक दूसरे से मिलाते थे हम ।

अब भला देख मुझको तू क्यों तन गया।

मैंने तुझ से कभी दुश्मनी थी न की।

फिर भला क्यों तू, दुश्मन मेरा बन गया।


किसने तुझको है क्या ,ऐसा कुछ कह दिया।

जिसने ये बीच में ,फासला कर दिया ।

यूं ही दूजों की बातों में आते नहीं।

दोस्ताना बिना कोई कारण गया।

मैंने तुझ से कभी दुश्मनी थी न की।

फिर भला क्यों तू, दुश्मन मेरा बन गया।


वक्त तो है बदलता ही रहता सदा।

आदमी वो ही बढ़ता है आगे सदा।

ऐसे मौके है मिलते कभी हां कभी।

 बाद में लोग कहते बड़ा बन गया।

मैंने तुझ से कभी दुश्मनी थी न की।

फिर भला क्यों तू, दुश्मन मेरा बन गया।

3.45pm 13 Aug 2021

धुन: कौन कहता है भगवान आते नहीं

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