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काफि़या : आने ,Qafia :Aane
रदीफ़ : पर,Radeef: par
खुश है हम आज उनके आने पर।
होगा क्या हाल उनके जाने पर।
है मुकद्दर तो मेरा ऊँचा जो।
बैठा है याद के खजाने पर ।
आते जाते हैं जिंदगी, में गम।
क्यों परेशान हो ज़माने पर ।
खोए थे जिसके प्यार में हम तो ।
याद आया उसे बताने पर ।
वार दी जिंदगी उसी पर ये।
थी नज़र जिसकी बस खजाने पर ।
1.59pm 19 Aug 2021
कल इसी काफि़या,रदीफ़ और बहर पर कुछ और शेर पेश होंगे।
To be continued.........
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