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Thursday, 12 August 2021

1736 गीत : मिट जांए गम तुम्हारे

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इक इक हँसी पे तेरी, मैंने लुटा दी खुशियाँ। 

मिट जांए गम  तुम्हारे।मिट जांए गम तुम्हारे।

इक इक हँसी पे तेरी, मैंने लुटा दी खुशियाँ। 

मिट जांए गम  तुम्हारे।मिट जांए गम तुम्हारे।

इक इक खिजा को रोका, फूलों को दी सदायें।

मिट जांए गम  तुम्हारे।मिट जांए गम तुम्हारे।


ऐसी किसी जगह पर ,तुमको ले जाऊँगा मैं।

ऐसी किसी जगह पर ,तुमको ले जाऊँगा मैं।

फूलों भरी कतारें ,तुमको दिखाऊँगा मैं ।हो

जो गम तू भूल जाए ,खिल जाए लब तुम्हारे ।

मिट जांए गम तुम्हारे।मिट जाए गम तुम्हारे।


तेरी हँसी मेरी तो ,दुनिया है इक न्यारी।

तेरी हँसी मेरी तो,दुनिया है इक न्यारी।

तेरी हँसी तो हमदम ,जन्नत से भी प्यारी। हो

मिट जाएं ये गमी हों,कम फासले हमारे ।

मिट जांए गम तुम्हारे।मिट जांए गम तुम्हारे।


अब छोड़ के पुरानी ,बातें तू बन जा मेरी ।

अब छोड़ के पुरानी ,बातें तू बन जा मेरी ।

देखो नयी ये दुनिया, आगे है मेरी तेरी ।हो

सब फूल अपनी खुशबु, आंगन में फिर बिखारें।

मिट जांए गम तुम्हारे।मिट जांए गम तुम्हारे।

3.32 pm 11 Aug 2021A3

धुन: जब जब बहार आई और फूल मुस्कुराए मुझे तुम याद आए।

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