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Sunday, 18 June 2017

256 तड़प रहे हैं वो हमारे प्यार में(Tadap rahe hai vo Hamare Pyar Mein)

तड़पाते रहे हमें वो अब तलक,
अब तड़प रहे हैं वो हमारे प्यार में।
उनके इंतजार में न झपकते थे हम पलक,
अब वो आँखें बिछाए बैठे हैं हमारेे इंतजार में।
हम सुन लेते थे लोगों में उनकी आवाज, कर सबसे अलग,
वह सोचते हैं अब ,कि कब खोएं वो हमारी पायल की झंकार में।
हम तो कभी पा भी लेते थे उनकी झलक,
पर उनका दिल तड़प रहा है अब हमारे दीदार में।
तड़पाते रहे हमें वो अब तलक,
अब तड़प रहे हैं वो हमारे प्यार में।
256. 21 Feb 1990
Tadpatey Rahe Hame Wo Ab talaq,
Ab Tadap rahe hai wo Hamare Pyar Mein.
Unke Intezaar Main Na japktey the Hum Palak,
Ab vo Aankhen bichaye baithe hai Hamare Intezaar mein.
Hum Sun Leti Thai logon main unKi Awaz kar sabse Alag,
Wo Behte Hai Ki kab Khoyen wo Hamari Payal Ki Jhankar mein.
Hum toh kabhi pa bhi Lete The Un Ki Jhalak,
Unka Dil Tadap Raha Hai Ab Hamare Deedar mein.
Tadpate Rahe Hame Wo Ab Tlak,
Ab Tadap rahe hai vo Hamare Pyar Mein.

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