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Thursday, 22 June 2017

260 जब न थी जिंदगी (Jab Na Thi Zindgi)


बन के टूटी है हर चीज़ क्यामत मुझ पर,
गम मिला तो क़यामत का,
खुशी मिली तो क़यामत की।
जो न सोचा था कभी, वो हो गया,
मिल गई मुझे मेरी जिंदगी।
तड़पा हूं इतना की खुशी भूल गया था,
 तड़प भूल गया हूं ,अब मिली है खुशी  इतनी।
ए खुदा तेरा यह कैसा है रंगमंच,
कभी  खुशी देता है कभी गम ही गम।
क्या खोया हमने ये पाने के लिए
पा ही लिया जब उसे,
तो क्यों सोचे क्या थी कमी।
क्या खोया हमने जब जिंदगी ना थी,
जब ये ना थी, ना थी खुशी।
तब यह न थी जिंदगी।
260 26 Feb 1991
Banke TuTi Hai Har Cheez Qayamat Mujh Par
Gam Mila Toh Qayamat Ka,
Khushi Mili Toh Qayamat Ki.
Jo Na Socha Tha Kabhi ,Woh Ho Gaya.
Mil gyi Mujhse Meri Zindagi
Tadapa Hun Itna Ki Khushi bhool gaya tha,
Tadap bhul gaya hu ab Mili Hai Khushi Itni.
Aye Khuda Tera Ye kaisa hai rangmunch,
Kabhi Khushi deta hai Kabhi Gum Hi gum.
Kya Khoya Humne Ye paane ke liye
Jab Pahi liya Use ,
To kyon Sochain kya Thi comin
Kya  Khoya Humne Jab Zindagi Na Thi
Jab Yeh Na Thi ,Na Thi Khushi.
Tab Ye Na Thi Zindagi

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