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Monday, 26 June 2017

301 मोहब्बत का एहसास (Mohabbat Ka Ehsaas)

कोई न जाने दर्द इस दिल का।
वो भी ना जाने, इस दिल में दर्द भरा है जिसका।।
क्या यूं ही तड़पते रहेंगे हम उसके प्यार में।
क्या यूं ही तड़पते रहेंगे हम उसके दीदार में।।
जमाने को न सही उसको तो खबर हो जाए।
तो कितना आसान ये जिंदगी का सफर हो जाए।।
काश ,तुझे हम अपनी मोहब्बत का एहसास करवा पाते।
तो शायद तुम हमारी मोहब्बत के करीब आ जाते।।
301 3 Aug 1991
Koi Na Jaane Dard Is Dil ka.
Woh Bhi Na Jane, Is Dil Mein Dard Bhara Hai Jiska..
Kya Yun Hi Tadapte Rahain Gay Hum Uske Pyar Mein.
Kya Yun Hi tadapte Rahenge Hum Uske Deedar mein..
Zamane Ko Na Sahi Usko to Kabar Ho jaye.
Tuo Kitna Aasaan Yeh Zindagi Ka Safar Ho Jaye..
Kaash, Tujhe Hum Apni Mohabbat Ka Ehsaas karwa paatye.
Toh Shayad Tum Hamari Mohabbat Ke Kareeb Aa Jate..

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