Sangeeta Sharma Kundra
9788189331894 53095 BookZindgi1
जिंदगी देती है यह धरती।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
जन्म देती है यह औरत।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
खड़े किए पत्थरों के जंगल।
हवा भी दूषित हो गई।
पत्थर दिल इंसानों से।
औरत दूषित हो गई।
काटकर मुर्गी आज ही मानव,
सोने के सब अंडे लेना चाहता है।
कुछ ना मिलेगा इस लालच से।
मानव की सोच ही कुपित हो ।
सोच समझकर चल ए इंसान।
कितनी खूबसूरत है यह धरती।
किस प्यार से पाला है तुझे इसने।
क्यों उसके लिए तेरी सोच ऐसी हो गई।
जिंदगी देती है यह धरती।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
जन्म देती है यह औरत।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
583 2.57pm 8Jun 2018
Zindagi Deti Hai Yeh Dharti.
Par haal Kya Kiya iska Humne.
Janam Deti Hai Yeh aurat.
Par haal Kya Kiya iska Humne.
Khade kiye pattharon ke jungle.
Hawa bhi dushit Ho Gayi.
Patthar Dil Insaano se,
Aurat dushit Ho Gayi.
Katkar Murgi, Aaj hi Manav.
Sone ke sab ande Lena Chahta Hai.
Kuch Na Milega is laalach se.
Manav ki Soch hai kupit Ho Gayi.
Soch Samajh Kar ,Chal e' Insaan.
Kitni Khubsurat Hai Yeh Dharti.
Kiss Pyaar Se Pehle Hai Tujhe isne.
Kyun uske liye, Teri Soch Aisi Ho Gayi.
9788189331894 53095 BookZindgi1
जिंदगी देती है यह धरती।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
जन्म देती है यह औरत।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
खड़े किए पत्थरों के जंगल।
हवा भी दूषित हो गई।
पत्थर दिल इंसानों से।
औरत दूषित हो गई।
काटकर मुर्गी आज ही मानव,
सोने के सब अंडे लेना चाहता है।
कुछ ना मिलेगा इस लालच से।
मानव की सोच ही कुपित हो ।
सोच समझकर चल ए इंसान।
कितनी खूबसूरत है यह धरती।
किस प्यार से पाला है तुझे इसने।
क्यों उसके लिए तेरी सोच ऐसी हो गई।
जिंदगी देती है यह धरती।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
जन्म देती है यह औरत।
पर हाल क्या किया इसका हमने।
583 2.57pm 8Jun 2018
Zindagi Deti Hai Yeh Dharti.
Par haal Kya Kiya iska Humne.
Janam Deti Hai Yeh aurat.
Par haal Kya Kiya iska Humne.
Khade kiye pattharon ke jungle.
Hawa bhi dushit Ho Gayi.
Patthar Dil Insaano se,
Aurat dushit Ho Gayi.
Katkar Murgi, Aaj hi Manav.
Sone ke sab ande Lena Chahta Hai.
Kuch Na Milega is laalach se.
Manav ki Soch hai kupit Ho Gayi.
Soch Samajh Kar ,Chal e' Insaan.
Kitni Khubsurat Hai Yeh Dharti.
Kiss Pyaar Se Pehle Hai Tujhe isne.
Kyun uske liye, Teri Soch Aisi Ho Gayi.
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