9788189331894 53095 BookZindgi1
धरती से जिसने प्यार ना किया।
उसने तो समझो इसका अपमान है किया।
देती रही जो अन्न् जल तुम्हें जीने के लिए।
थोड़ा सा भी उसका तुमने ध्यान ना किया।
देखो कैसे उजाड़ दिया उसको तुमने।
पेड़ों को काट, सौंदर्य बिगाड़ दिया तुमने।
ईद पत्थरों के महल खड़े किए तुमने।
और उसका जी भर के अपमान है किया।
अभी भी वक्त है संभालो इसे।
प्यार करो अपना बना लो इसे।
कुदरत का कुछ कर्ज तो उतारो दो।
करो जरा, अब तक जो ध्यान ना किया।
यूं ही न सूख जाए कहीं यह धरा।
तुम्हारा सब कुछ ना रह जाए धरा का धरा।
उठो प्यार करो इस प्रकृति से,
पछताओगे जो ये सब आज ना किया।
सजा दो जरा पेड़ों से इसे।
सजा दो जरा फूलों से इसे।
बादल खुद ही देंगे पानी इसे ।
धरती को हमने संवार जो दिया।
,
धरती से जिसने प्यार ना किया।
उसने तो समझो इसका अपमान है किया।
607 4.57pm Thursday 05July 2018
Dharti se Jisne Pyar Na Kiya.
Usne To Samjho iska Apmaan hai kya.
Deti Rahi Jo Ann,jal Tumhe Jeene Ke liye.
Thoda Sa Bhi uska Tumne ,Dhyaan na Kiya.
Dekho Kaise Ujaad Diya usko Tumne.
Paidon ko kaatt,s Sondre Bigaad diya tumne.
Ieet pathron ke Mahal Khade kiya tumne.
Aur uska Ji Bhar KeApmaan . Hai kiya.
Abhi bhi waqt hai sambhalo Ise.
Pyar Karo Apna Bana Lo Isse.
Kudrat Ka Kuch Karj toh Utaaro.
Karo Zara, ab tak toh Dhyan na Kiya.
Yun Hi naa Sukh Jaye Kahin ye Dhra.
Tumhara Sab Kuch Na Reh Jaye Dhra ka Dhra.
Utho Pyaar Karo is Prakriti se.
Pachtaoge Jo Ye Aaj Na Kiya.
Saja Do Zara Pedon se Ise.
Saja do Zarla Phoolon Se Ise.
Baadal Khud Hi Denge Pani Ise.
Dharti ko Humne Sanwar Jo Diya.
धरती से जिसने प्यार ना किया।
उसने तो समझो इसका अपमान है किया।
देती रही जो अन्न् जल तुम्हें जीने के लिए।
थोड़ा सा भी उसका तुमने ध्यान ना किया।
देखो कैसे उजाड़ दिया उसको तुमने।
पेड़ों को काट, सौंदर्य बिगाड़ दिया तुमने।
ईद पत्थरों के महल खड़े किए तुमने।
और उसका जी भर के अपमान है किया।
अभी भी वक्त है संभालो इसे।
प्यार करो अपना बना लो इसे।
कुदरत का कुछ कर्ज तो उतारो दो।
करो जरा, अब तक जो ध्यान ना किया।
यूं ही न सूख जाए कहीं यह धरा।
तुम्हारा सब कुछ ना रह जाए धरा का धरा।
उठो प्यार करो इस प्रकृति से,
पछताओगे जो ये सब आज ना किया।
सजा दो जरा पेड़ों से इसे।
सजा दो जरा फूलों से इसे।
बादल खुद ही देंगे पानी इसे ।
धरती को हमने संवार जो दिया।
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धरती से जिसने प्यार ना किया।
उसने तो समझो इसका अपमान है किया।
607 4.57pm Thursday 05July 2018
Dharti se Jisne Pyar Na Kiya.
Usne To Samjho iska Apmaan hai kya.
Deti Rahi Jo Ann,jal Tumhe Jeene Ke liye.
Thoda Sa Bhi uska Tumne ,Dhyaan na Kiya.
Dekho Kaise Ujaad Diya usko Tumne.
Paidon ko kaatt,s Sondre Bigaad diya tumne.
Ieet pathron ke Mahal Khade kiya tumne.
Aur uska Ji Bhar KeApmaan . Hai kiya.
Abhi bhi waqt hai sambhalo Ise.
Pyar Karo Apna Bana Lo Isse.
Kudrat Ka Kuch Karj toh Utaaro.
Karo Zara, ab tak toh Dhyan na Kiya.
Yun Hi naa Sukh Jaye Kahin ye Dhra.
Tumhara Sab Kuch Na Reh Jaye Dhra ka Dhra.
Utho Pyaar Karo is Prakriti se.
Pachtaoge Jo Ye Aaj Na Kiya.
Saja Do Zara Pedon se Ise.
Saja do Zarla Phoolon Se Ise.
Baadal Khud Hi Denge Pani Ise.
Dharti ko Humne Sanwar Jo Diya.
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