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Saturday, 14 July 2018

616 क्यों सोचूँ तुम्हारे बारे में (kyon sochun Tumhare baare mein )

जब भावनाओं की मेरी, तुझको कदर ही नहीं।
तो क्यों सोचूँ तुम्हारे बारे में मैं।
मेरे एहसासों की जब तुझको खबर ही नहीं।
 तो क्यों सोचूँ तुम्हारे बारे में मैं।
तू बढ़ता जा अपनी जिंदगी में हो के बेखबर।
तू क्यों सोचे हमारे बारे में।
अकेला ही पा लेगा जब अपनी मंज़िल को तू।
तो क्यों  सोचे हमारे सहारे के बारे में।
जब पहुंचेगा अपनी मंजिल पे तू।
और सोचेगा उपलब्धियों के बारे में ।
जब तू  अकेला ही खड़ा होगा मंजिल पर।
तब, तू सोचेगा हमारे बारे में।
616 9.41am 14July 2018

Jab Bhavnaon ki meri, Tujhko Kadar hi nahi.
To kyon sochun Tumhare baare mein main.
 Mere Ehsaas ki Jab Tujhko Kadar hi nahi.
 Toh kya sochun Tumhare baare mein main.


Tu badhta ja apni Zindagi Mein Hoke Bekhabar.
Tu kyon soche Hamare baare mein.
 Akela Hi Pa lega , Jab apni manzil ko tu.
 Toh Kyun Soche Hamare Sahare ke baare mein.

Jab Pahunchega apni Manzil pe tu.
Aur Sochega uplabhdhiyon ke baare mein.
Jab tu Akela Hi Khada Hoga Manzil par.
Tab Tu Soche ga Hamare baare mein.

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